March 13, 2025

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दूसरे के मकान में भाडे से रह रही महिला व पति‌ ने मकान कब्जा करने की रची शाजिस, पीड़ित ने लगाई न्याय की गुहार

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तीस साल से रह रही महिला के घर को कब्जा लिए संविदा कर्मी संदीप यादव ने रची शाजिस

सहेली को दिया रहने के लिए मकान और सहेली और सहेली के पति ने मकान पर कब्जा करने का रच लिया प्लान

सुल्तानपुर।

भू माफियाओं के संरक्षण में एक महिला का तीसों साल पहले बने मकान को कैसे कब्जा किया जा रहा है इसके बारे में स्पष्ट करना है कि मंगला प्रसाद सिंह उर्फ एमपी सिंह सरजू पुत्र कन्हैया से दिनांक 11.06.1992 को 68750 रुपया देकर शारदा सिंह के नाम से जमीन लिए और निर्धारित स्टांप भी अदा किया है(साक्ष्य संलग्न है।)
शारदा देवी ने नब्बे के आसपास में घर बनवाया और उस घर को नगर पालिका में नियमानुसार मकान नंबर 2285/1 के रूप में दर्ज करवा कर नगर पालिका द्वारा निर्धारित टैक्स अदा कर रही हैं। शारदा सिंह मूलतः आजमगढ़ की रहने वाली है। जो नियमित रूप से सुल्तानपुर के अपनी इसी मकान में रहती थी लेकिन जब बच्चे बड़े हो गए तो शारदा सिंह अपने पैतृक जनपद आजमगढ़ में अधिक समय देने लगी मकान खाली पड़ा था। जिस पर भू माफियाओं की खतरनाक नजर पड़ गई की अब किसी तरीके से इस मकान को कब्जा कर लिया जाए।
तब मोहरा बन कर आते हैं संविदा कर्मी संदीप यादव डीसी MDM सुल्तानपुर। जिन्होंने ममता सिंह (जो शारदा सिंह की बिटिया है) से आजमगढ़ जाकर कुछ दिन किराए पर रहने के लिए चाबी लिए और उन्होंने कहा कि अमहट में मैं घर बनवा रहा हूं जैसे मेरा घर बन जाएगा मैं आपके इस घर को खाली कर दूंगा। बताते चले संविदा कर्मी संदीप यादव की पत्नी से ममता सिंह का मित्रवत संबंध था।
थोड़ा ही समय क्या बीता कि संदीप सिंह की नजर ममता सिंह के मकान पर गड़ गई और संदीप ने मकान खाली करने से इनकार कर दिया। पुनः जब ममता सिंह मकान खाली करने के लिए संदीप यादव से कहा तो संदीप यादव मारपीट पर आमादा हो गए ममता सिंह की शिकायत के बाद दिनांक 20.11.24 को पुलिस के सामने पंद्रह दिन में खाली करने का समय मांगा था (साक्ष्य पुलिस द्वारा जारी पत्र)
इस प्रकरण में संदीप यादव की सुपुर्दगी भी हुई थी।(साक्ष्य पुलिस का सुपुर्दगी नामा)उसके बाद भी मकान खाली नहीं लिए। इसके पहले भी पुलिस के सामने 28 मार्च 24 को मकान खाली करने के लिए 45 दिन का समय मांगा था लेकिन मकान खाली नहीं किया (साक्ष्य दोनों पक्ष का सुलानामा) ममता सिंह को कमजोर समझ कर संदीप यादव दो दो बार मारपीट भी कर चुके हैं। जिसकी पहली एफआईआर संदीप यादव और अन्य के ऊपर दिनांक 25.01.25 को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 की धारा 115 (2), 352, 351 (2) 324, 3(5) और 74 में हुई और दूसरी एफआईआर भी संदीप यादव अन्य पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 की धारा 115 (2), 352, 351(2) 324 और 316 में मुकदमा दर्ज हुआ।(साक्ष्य दोनों एफआईआर की कॉपी)

सभी कागजों को देखते हुए जनपद के लोगों को चिंतन करना है की ममता सिंह दोषी है या किराएदार बनकर मकान हड़पने का षडयंत्र करने वाला और भू माफियाओं का मोहरा संदीप यादव डीसी एमडीएम सुल्तानपुर।

अभी खेल नहीं रुका है ममता सिंह के घर की फोटो लगा कर अन्य के माध्यम से भूमाफिया अपना नया नंबर नगर पालिका में दर्ज करवा रहे हैं। दर्ज न होने के संबंध में ममता सिंह नगर पालिका में शिकायत भी कर चुकी हैं।

पुलिस अगर प्रारंभ में कठोरता से कार्रवाई कर देती तो शायद आज ममता सिंह को दर दर की ठोकर न खानी पड़ती। भूमाफियाओं के संरक्षण में पल रहे संविदा कर्मी संदीप यादव के पास शास्त्रीनगर में कई प्लॉट है।

पुलिस प्रशासन से निवेदन है कि संदीप यादव डीसी एमडीएम के द्वारा 2285/1 शास्त्री नगर को खाली करवा कर पैंतीस साल से मकान की मालकिन शारदा सिंह को हस्तगत कराया जाना न्यायोचित होगा।

लगभग 28000 वेतन पाने वाले संविदा कर्मी संदीप यादव के द्वारा अकूत संपत्ति बनाई गई है। इसकी निष्पक्षता से जांच भी होनी चाहिए।
क्या भूमाफियाओं के चंगुल से ममता सिंह अपने तीसों साल पुराने मकान को बचा पाएंगी?

क्या पुलिस विभाग के सामने हुए समझौते के आधार पर अवैध रूप से कब्जा करने वाले किराएदार एवं संविदा कर्मी संदीप यादव से मकान खाली करवा पाएगी?

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