राजनैतिक सफर में बिना रुके बिना थके “सबका साथ,सबका विकास, सबका विश्वास
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सुलतानपुर
विगत बर्षो के राजनैतिक सफर में बिना रुके बिना थके “सबका साथ,सबका विकास, सबका विश्वास एवं सबका प्रयास”के मंत्र को सिद्ध करके भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी “सांचा पारस पत्थर”हो चुके हैं।यह शिगूफा नहीं वल्कि प्रत्यक्ष उदाहरण पेश हो चुका है।भारत विरोधी अभियान चलाकर मालद्वीप की सत्ता को प्राप्त करने वाले राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू अब मात्र दरस-परस से अपनी चीन समर्थक छबि से पूरी तरह अलग दिखे। द्विपक्षीय वार्ता में मुक्त व्यापार रूपेकार्ड आदि पांच समझौतों पर हस्ताक्षर होना हमारे मौजूदा विदेश मंत्रालय की सजगता का प्रतिफल है। मोदी जी का मंत्र एकता की डोर में बंधने एवं बांधने वाला है।विश्व की सबसे बड़ी पीठ”संयुक्त राष्ट्र संघ” के वीटो धारक देश विश्व के अमन-चैन के लिए जरिए गिदर्भड़की से परेशान हैं। मगर युद्ध का समापन होता नजर नहीं आ रहा है। तब तक विश्व में अमन-चैन नहीं होगी,जब तक उसकी तलाश रणक्षेत्र में की जा रही है। अमन-चैन तो पड़ोसी देशों की संप्रभुता -अखंडता में बसती है।जिसका प्रवाह सतत् अथाह शांत वार्ता की ओर ही होगी।न कि मानवाधिकार के विरूद्ध कार्यरत “वीटो शक्ति”की ओर। भारत एवं मालद्वीप का समझौता 7-10-2024 विश्व के लिए मील का पत्थर है।इसे संयुक्त राष्ट्र संघ को समझना होगा। एवं संघ में स्थाई सदस्यों व वीटो धारकों की संख्या बढ़ाया जाना बाध्यकारी हो चुका है।