उच्च प्राथमिक विद्यालय में हुए भ्रष्टाचार को लेकर पूर्व भाजपा विधायक ने बीएसए को लिखा पत्र जांच कर कार्रवाई करने की मांग
1 min readकनिष्ठतम अध्यापक अजय विक्रम सिंह चार साल तक बना रहा बालमपुर स्कूल का अनियमित प्रधानाध्यापक
तीन वरिष्ठ अध्यापकों को किनारे करके अजय विक्रम बन गया स्कूल का इंचार्ज प्रधानाध्यापक
सुलतानपुर जिले के भदैया ब्लॉक के बालमपुर जूनियर स्कूल का सनसनीखेज खुलासा
स्कूल के एक और गंभीर मामले की होगी जांच
लंभुआ विधान सभा के भाजपा विधायक रह चुके लोकप्रिय जनप्रतिनिधि देवमणि द्विवेदी ने बीएसए सुल्तानपुर से किया शिकायत
जांच करके कठोर कार्यवाही करने के लिए बीएसए सुल्तानपुर को दिए निर्देश
सुल्तानपुर भदैया
उच्च प्राथमिक विद्यालय बालमपुर में वर्ष 2017 से 2021 तक 4 साल की अवधि में अजय विक्रम सिंह सहायक अध्यापक द्वारा अनियमित रूप से बिना सक्षम अधिकारी के आदेश के इंचार्ज प्रधानाध्यापक बनकर की गई अनियमितताओं की होगी जांच
सूत्रों से खबर मिली है कि बीएसए सुलतानपुर द्वारा खंड शिक्षा अधिकारी दूबेपुर को दी गई मामले की जांच
खंड शिक्षा अधिकारी उदय राज मौर्य के दोहरे रवैये के कारण उच्च प्राथमिक विद्यालय बालमपुर में विवादों का सिलसिला और अध्यापकों की रार थमने का नाम नहीं ले रही है ।
विद्यालय की सहायक अध्यापिका संगीता सरोज के अमर्यादित आचरण,
देर से आने की आदत,कक्षा में बच्चों के बीच कुर्सी पर पैर रखकर पालथी मारकर बैठने , मोबाइल चलाने ,सोने और मना करने पर झगड़ा लड़ाई,हाथापाई करने और एससी एसटी का मुकदमा कर देने की धमकी देने के विरुद्ध इंचार्ज प्रधानाध्यापक राजकुमार तिवारी द्वारा
की गई शिकायत प्रथम दृष्टया सही पाए जाने पर अप्रैल माह में बीएसए सुलतानपुर दीपिका चतुर्वेदी ने संगीता का वेतन रोक कर जांच का आदेश दिया था। उसके बदले में अध्यापिका संगीता सरोज एवं अन्य अध्यापकों द्वारा मिलकर विद्यालय के इंचार्ज प्रधानाध्यापक के दुर्व्यवहार,एमडीएम घपला करने आदि की शिकायत खंड शिक्षा अधिकारी भदैया उदय राज मौर्या से की गई तो उनकी बीईओ भदैया की रिपोर्ट पर इंचार्ज प्रधानाध्यापक राजकुमार तिवारी को अप्रैल माह में ही जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी दीपिका चतुर्वेदी ने निलंबित करके लंभुआ कार्यालय से संबद्ध कर दिया जिसकी जांच खंड शिक्षा अधिकारी लंभुआ द्वारा विगत तीन माह से की जा रही है जबकि प्रत्येक स्थिति में निलंबन की जांच एक माह में पूर्ण करने का विभागीय आदेश है।जून माह में विद्यालय खुलते ही जिलाधिकारी सुलतानपुर के आदेश पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी दीपिका चतुर्वेदी ने राजकुमार तिवारी के प्रत्यावेदन पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए तत्काल प्रभाव से उन्हें बहाल कर दिया परंतु विद्यालय के कनिष्ठ शिक्षक गनेश द्वारा उन्हें बहाली मिलने पर भी विद्यालय के इंचार्ज प्रधानाध्यापक का कार्यभार ग्रहण कराने के बावजूद विद्यालय का चार्ज नहीं दिया गया है जिसकी जांच गतिमान है
वहीं बालमपुर स्कूल का एक और सनसनीखेज मामला सामने आया है कि विद्यालय में तीन वरिष्ठ अध्यापकों को किनारे लगाते हुए उन्हें नजरअंदाज करके वर्ष 2015 के नियुक्त अजय विक्रम सिंह कनिष्ठतम अध्यापक विद्यालय का इंचार्ज प्रधानाध्यापक बन बैठा और वर्ष 2017 से वर्ष 2021 तक लगभग 4 वर्ष विद्यालय का इंचार्ज प्रधानाध्यापक बना रहा किंतु किसी भी वरिष्ठ अध्यापक को इंचार्ज प्रधानाध्यापक का चार्ज हस्तांतरित करने को तैयार नहीं हुआ ।जुलाई 2021 में जब विद्यालय का आकस्मिक निरीक्षण तत्कालीन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सुलतानपुर दीवान सिंह द्वारा किया गया तब कनिष्ठतम अध्यापक अजय विक्रम सिंह के विद्यालय के अनियमित इंचार्ज प्रधानाध्यापक कार्यकाल में की गई अनियमिताएं पकड़ में आई परंतु सूत्रों के अनुसार अजय विक्रम सिंह स्थानीय कैभा ग्राम पंचायत का स्थाई निवासी है तथा अत्यंत प्रभावशाली व्यक्ति है और राजनेताओं से और अधिकारियों से उसके गहरे संबंध हैं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी दीवान सिंह को अपने राजनैतिक प्रभाव बनाकर आनन-फानन में जांच से बचने के लिए अजय विक्रम सिंह ने विद्यालय के इंचार्ज प्रधानाध्यापक पद त्यागपत्र दे दिया जिसे स्वीकार करते हुए तत्कालीन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी दीवान सिंह ने विद्यालय के सहायक अध्यापक जो कि राज्य परियोजना कार्यालय लखनऊ के महानिदेशक स्कूल शिक्षा उत्तर प्रदेश के आदेश से एसआरजी का दायित्व निर्वहन कर रहे थे एसआरजी राजकुमार तिवारी को एसआरजी पद छोड़कर तत्काल विद्यालय के इंचार्ज प्रधानाध्यापक का कार्यभार ग्रहण करके विद्यालय में मिशन प्रेरणा के कार्यों और कायाकल्प करने का लिखित आदेश बीएसए सुल्तानपुर द्वारा कर दिया गया ।परंतु अजय विक्रम सिंह विद्यालय के शिक्षकों और रसोइयों की गोलबंदी करके राजकुमार तिवारी इंचार्ज प्रधानाध्यापक के विरुद्ध साजिश करता रहा और खंड शिक्षा अधिकारी भदैया उदयराज मौर्य को प्रभाव में लेकर अपनी अनियमिताओं पर पर्दा डालता रहा ।राजकुमार तिवारी इंचार्ज प्रधानाध्यापक को जब साजिश का आभास हुआ उन्होंने अनेक प्रार्थना पत्र विभाग को मेल किया। परंतु उनका विभागीय अधिकारियों द्वारा समय रहते संज्ञान नहीं लिया गया। अजय विक्रम सिंह के प्रभाव के आगे बेसिक शिक्षा विभाग सुलतानपुर के अधिकारियों ने राज कुमार तिवारी की एक भी ना सुनी। बीएसए सुलतानपुर को प्राप्त कराए गए अपने प्रार्थना पत्र में अध्यापक राज कुमार तिवारी ने संगीता सरोज, गनेश और अजय विक्रम सिंह पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।उनके शिकायती प्रार्थना पत्र में अजय विक्रम सिंह ने खंड शिक्षा अधिकारी भदैया से साठ गांठ करके इंचार्ज प्रधानाध्यापक राजकुमार तिवारी के विरुद्ध अध्यापकों एवं रसोइयों को भड़काने ,उनके विरुद्ध बयान दिलाने,उन्हें निलंबित कराकर अन्यत्र विद्यालय में भेज कर समायोजन से बचने,विद्यालय में पहले से अन्यत्र नामांकित बच्चों का दोहरा नामांकन करके छात्र संख्या अनियमित ढंग से बढ़ाने, विद्यालय में आए सरकारी धन का दुरुपयोग करके गबन करने, कक्षा में बच्चों को न पढ़ाकर अपनी कार में एसी चलाकर सोने और मोबाइल चलाने, खंड शिक्षा अधिकारी भदैया उदय राज मौर्य को मैनेज करने, विद्यालय में समय सारिणी के अनुसार नियमित शिक्षण न करके राजनीति करने तथा जन सूचना के नाम पर खंड शिक्षा अधिकारी भदैया के मौखिक आदेश का हवाला देकर लखनऊ स्थित अपने आवास पर विद्यालय अवधि में मस्ती करने के गंभीर आरोप अजय विक्रम सिंह पर लगाए गए हैं ।अजय विक्रम सिंह पर राजकुमार तिवारी का आरोप यह भी है कि वह विद्यालय के अध्यापकों गनेश और संगीता सरोज को उनके विरुद्ध करके एससी एसटी का फर्जी मुकदमा लिखाकर अपने द्वारा की गई अनियमिताओं की जांच कार्यवाही से बचने का सुनियोजित षडयंत्र और साजिश रच रहा है और गतिमान समायोजन प्रक्रिया में विद्यालय का सरप्लस अध्यापक होने के कारण समायोजन से भयभीत होकर वरिष्ठ शिक्षक राजकुमार तिवारी को अन्यत्र भेज कर समायोजन से बचने का षड्यंत्र और साजिश रच रहा है। अजय विक्रम सिंह विद्यालय के बालमपुर ग्राम पंचायत के पड़ोस की ग्राम पंचायत कैभा का स्थानीय निवासी और उच्च प्रभावशाली अध्यापक है तथा खंड शिक्षा अधिकारी भदैया और खंड शिक्षा अधिकारी लंभुआ से उसके गहरे संबंध है जिसका इस्तेमाल करके वह राजकुमार तिवारी इंचार्ज प्रधानाध्यापक उच्च प्राथमिक विद्यालय बालमपुर को हैरान और परेशान कर के विद्यालय से हटवाने का निरंतर प्रयास कर रहा है।
26 जुलाई से अजय विक्रम सिंह , गनेश और संगीता गोलबंद होकर लगातार चिकित्सीय अवकाश पर हैं और मिलकर राज कुमार तिवारी के विरुद्ध एफआईआर की तैयारी कर रहे हैं जबकि विद्यालय का संचालन राज कुमार तिवारी एक मात्र शिक्षक कर रहे हैं।राज कुमार तिवारी द्वारा विद्यालय के अध्यापकों और खंड शिक्षा अधिकारी भदैया और जांच अधिकारी खंड शिक्षाधिकारी लंभुआ के मिलकर उनका उत्पीड़न और शोषण करके आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है।देखना है जिले के नव नियुक्त जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी उपेंद्र गुप्ता अजय विक्रम सिंह पर
क्या कार्यवाही करते हैं।