November 21, 2024

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नशे के सौदागर पर आखिर क्यों है मेहरबान आबकारी निरीक्षक वंदना केसरवानी

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नशा मुक्ति केंद्र के बगल चल रहा है नशे का कारोबार।

शिकायत के बाद भी कार्यवाही में लीपापोती।

गोण्डा

विभागीय मिलीभगत कहें या रहम दिली के चलते जनपद के कोने कोने में भांग की आड़ में गांजे व चिप्पड़ का धंधा खुलेआम हो रहा है। बड़ी संख्या में युवाओं को हार्ड नशे की लत लग रही है और जनपद का आबकारी विभाग मौज कर रहा है। बीच-बीच में हल्की-फुल्की कार्रवाई करके आबकारी विभाग भी अपना बचाव करता नजर आता है। आपको बता दें कि जिले में नशा मुक्ति केंद्र चुंगी नाका पर तो है लेकिन इस केंद्र का कोई महत्व नही है क्योंकि उसी बगल ही नशे का कारोबार हो रहा है। आबकारी विभाग नशा मुक्त करने के बजाय लोगों को नशे का आदी बना रहा है। एक तरफ जहां सरकार करोड़ो ख़र्च करके नशा मुक्ति अभियान चलाने की बात कह रही है तो वहीं दूसरी तरफ जनपद गोण्डा के चुंगी नाका पर स्थित सरकारी भांग की दुकान पर अवैध रूप से चिप्पड़ व गाँजे की बिक्री की जाती है। इस संबंध में जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत होने के बाद आबकारी निरीक्षक वंदना केसरवानी द्वारा दिनांक 21/10/2023 को जांच कर आख्या रिपोर्ट लगाई गई कि दुकान में कोई मादक पदार्थ नही मिला। वही जब मीडिया की टीम ने दिनांक 22/10/2023 को हकीकत देखने गए तो मौके दुकानदार गांजा व चिप्पड़ की बिक्री करते पाया गया जिसे कैमरे में रिकॉर्ड कर लिया गया। अब आप अंदाजा लगा सकते है कि जनसुनवाई पोर्टल पर किस तरह भ्रमित व झूठी आख्या लगाने का खेल गोण्डा आबकारी विभाग में खेला जा रहा है। दिखावे की कार्यवाही करने में गोण्डा का आबकारी विभाग माहिर हो चुका है इनको न जिला प्रशासन का डर है और न ही प्रदेश सरकार का ही भय रह गया है। गाँजे की बिक्री को रोकने के लिए आबकारी विभाग और जिम्मेदार लोगों के पास कोई प्रभावी योजना ही नही है। सदर सर्किल निरीक्षक वंदना केसरवानी के क्षेत्र में यह दुकान पड़ती है। सूत्रों की मानें तो और इनको संरक्षण देते हुए इनका पक्ष बड़ी प्रमुखता से लिया जाता है। कुछ चुनिंदा अधिकारी व कर्मचारी हैं जिनको चिप्पड़ व भांग के ठेकेदारों से इतना लगाव व स्नेह है जिसका कोई जवाब ही नही। काश यही दरियादिली जिले के युवाओं के प्रति होती तो आज नौजवानों को नशे की लत नही लगी होती। यही नहीं किसी खबर या शिकायत पर जाने से पहले ही दुकानदार को इस आशय से आगाह कर दिया जाता कि वहाँ से मादक पदार्थ हटा लीजिए संबंधित अधिकारी जांच करने जा रहे हैं। इसी दरियादिली के चलते लाखों युवाओं की ज़िंदगी नशे के दलदल में धंसती जा रही है। कार्यवाही न होने से एक बात तो साफ है कि लक्ष्मी का चढ़ावा जरूर चढ़ाया जाता है तभी गाँजे के ठेकेदारों पर हमेशा महेरबानी बनी रहती है। सूत्रों कि मानें तो पोटरगंज,मनकापुर, बस स्टैंड, चुंगी नाका सहित अन्य दुकानों पर बड़े पैमाने पर गांजा व चिप्पड़ की बिक्री होती है परन्तु आबकारी निरीक्षक वंदना केसरवानी जानकर भी अनजान बनी रहती हैं।


गोंडा से ब्यूरो रिपोर्ट शिव शरण

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