बंटी-बबली गैंग, प्रधान और सोशल मीडिया के जरिये रची गई कोतवाल को फंसाने की साजिश का पर्दाफाश, आया नया मोड़
1 min readसाजिश के तहत अयोध्या पुलिस को बदनाम करने की चाल का पर्दाफाश
बंटी-बबली गैंग, प्रधान और सोशल मीडिया के जरिये रची गई कोतवाल को फंसाने की साजिश
मृतक का विवाद प्रधान से, पुलिस पर झूठा आरोप लगाने की खुली साजिश
मिल्कीपुर अयोध्या।
जनपद अयोध्या के इनायतनगर थाना क्षेत्र में आत्महत्या के एक मामले ने अब नया मोड़ ले लिया है। कोतवाली प्रभारी देवेंद्र पांडेय पर लगाए गए आरोपों के पीछे एक सुनियोजित साजिश की परतें खुल रही हैं। जांच में प्रथम दृष्टया यह बात सामने आई है कि मृतक ने थाना प्रभारी के नाम जो प्रार्थना पत्र लिखा था, उसे कुछ लोगों ने जानबूझकर सुसाइड नोट कहकर प्रचारित किया और सोशल मीडिया के जरिये थाना प्रभारी को ही अभियुक्त साबित करने की कोशिश की गई।
इस साजिश में एक महिला यूट्यूबर और उसका कथित फेसबुक प्रेमी जिसे स्थानीय स्तर पर ‘बंटी-बबली गैंग’ कहा जा रहा है — शामिल पाए गए हैं। जानकारी के अनुसार, इन दोनों की पहले भी कोतवाल देवेंद्र पांडेय से रामजन्मभूमि थाना प्रभारी रहते हुए भिड़ंत हो चुकी थी, जिसमें पुलिस कार्रवाई के दौरान दोनों की पिटाई हुई थी। तभी से दोनों कोतवाल से व्यक्तिगत रंजिश रखे हुए थे।
मामले में नया खुलासा यह हुआ है कि मृतक का विवाद ग्राम प्रधान से ₹50,000 की उधारी को लेकर था। प्रधान द्वारा झूठ बोलकर कहा गया कि वह रकम थाना प्रभारी को दे चुका है, जिससे आहत होकर मृतक ने थाने में प्रार्थना पत्र दिया। लेकिन इसी पत्र को बाद में सोशल मीडिया में सुसाइड नोट बताकर वायरल कर दिया गया और कोतवाल पर सीधा आरोप मढ़ने की साजिश रची गई।
सूत्रों के अनुसार, ग्राम प्रधान, बंटी-बबली और कुछ अन्य लोगों ने मिलकर यह योजना बनाई ताकि पुलिस को फंसा कर अपनी जवाबदेही से बचा जा सके। अयोध्या पुलिस अब सभी पात्रों के आपराधिक इतिहास और साजिश में शामिल अन्य चेहरों की गहनता से जांच कर रही है।
फिलहाल, इनायतनगर थाना क्षेत्र का यह मामला जिले भर में चर्चा का विषय बना हुआ है। वहीं, पुलिस और प्रशासन को बदनाम करने की इस साजिश ने यह साफ कर दिया है कि कैसे सोशल मीडिया और निजी रंजिश के जरिए सच्चाई को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा सकता है।
