November 22, 2024

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छुट्टा मवेशियों से तंग होकर किसानों ने तहसील प्रांगण में किया धरना प्रदर्शन

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मिल्कीपुर अयोध्या

मिल्कीपुर क्षेत्र के पौराणिक स्थल आस्तीक मुनि आश्रम पर छुट्टा मवेशियों से तंग किसानों ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। ग्राम डीह पूरे बीरबल में छुट्टा जानवरों की व्यवस्था ना किए जाने से आक्रोशित किसानों का कहना है कि आस्तीकन बाजार में सैकड़ों की संख्या में मौजूद मवेशियों को जबतक गौशालाओं में नहीं छोड़ा जाएगा, तब तक हम यहीं पर बैठे रहेंगे।
जानकारी मिलने के बाद खंड विकास अधिकारी अखिलेश मिश्रा रेडियो आईएसबी अविनाश चतुर्वेदी तत्काल मौके पर पहुंचकर धरना प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि दो से तीन दिन के भीतर में सभी मवेशियों को पकड़वा लिया जाएगा। आश्वासन के बाद ग्रामीण धरना प्रदर्शन को समाप्त किया।

बताते चलें कि मिल्कीपुर विधानसभा में अगले कुछ दिनों में उपचुनाव होना है और क्षेत्र में छुट्टा पशुओं को लेकर किसानों में काफी गुस्सा भी है। धरने के दौरान किसानों ने बताया कि उन्हें पूरी रात जाग कर इन छुट्टा मवेशियों से अपनी फसलों की सुरक्षा करनी पड़ती है। यदि जरा सी आंख लग गई तो खेतों में झुंड में छुट्टा जानवर घुस जाते हैं और धान, उड़द, गन्ना आदि फसलों को चट कर जाते हैं।
यही नहीं आए दिन छुट्टा जानवरों से हादसे भी हो रहे हैं। कई किसानों की जानें जा चुकी हैं। किसानों ने बताया कि सरकार की ओर से छुट्टा मवेशियों को पकड़ कर पशु आश्रय स्थलों पर छोड़ने का निर्देश भी है। उसके बावजूद प्रशासन नहीं पकड़वा रहा है ।

इन्हीं समस्याओं को लेकर सोमवार की सुबह दस बजे से किसान आस्तीकन बाजार में सामाजिक कार्यकर्ता प्रवीण यादव ऊर्फ अज्जू के नेतृत्व में धरनें पर बैठ गए। प्रवीण ने बताया कि आए दिन यहां छुट्टा जानवरों से कोई ना कोई घायल हो रहा है। किसान दिन में मजदूरी करता है व रात में खेत में जाग कर रखवाली करता है। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार इसका समाधान नहीं करेगी
भोलू पासी बताते हैं रखवाली करने के बाद भी दो बीघा उड़द जानवरों ने साफ कर दिया। पूर्व प्रधान नकछेद बताते हैं कि शाम होते ही ये जानवर झुण्ड में सड़कों की संख्या में आ जाते हैं। जिससे रोज कोई ना कोई आश आने जाने वाले राहगीर घायल हो रहे है। देखा जाए तो मिल्कीपुर तहसील क्षेत्र में दर्जनों लोगों से ज्यादा किसान घायल हुए हैं कई किसानों की तो जान भी चली गई है लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।

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