पूर्व भाजपा विधायक और विद्यालय प्रबंधन द्वारा राजनीति से ग्रसित होकर छात्र-छात्राओं को को राजनीति में घसीटने का मामला क्षेत्र में बना चर्चा
1 min readभाजपा के पूर्व विधायक ने बना दिया शैक्षणिक संस्थाओं को राजनीति का अड्डा
मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में होना है उपचुनाव
छात्र-छात्राओं से मोबाइल मंगा कर ठोक के भाव में बनाए जा रहे भाजपा सदस्य
सदस्यता अभियान को लेकर पूर्व विधायक ने निकाला नायाब तरीका
मिल्कीपुर अयोध्या
मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र स्थित कई शैक्षणिक संस्थानों में अध्यनरत छात्र-छात्राओं को शैक्षणिक कार्य से अलग करते हुए उन्हें राजनीति का भी पाठ पढ़ाया जाना शुरू कर दिया गया है जिसके क्रम में भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से चलाए जा रहे भाजपा सदस्यता अभियान के तहत मिल्कीपुर के एक पूर्व भाजपा विधायक द्वारा कई शिक्षण संस्थानों में छात्र-छात्राओं के मोबाइल फोन से भाजपा का सदस्य बनाया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार श्री राम जानकी बालिका इंटर कॉलेज रामनगर अमावा सूफी, श्री दरबारी लाल जैन सहयोगी इंटर कॉलेज कलुआ मऊ और महात्मा गांधी इंटर कॉलेज अमानीगंज में अध्यनरत छात्र-छात्राओं को पहले से ही निर्देश दिए गए थे कि बच्चे अपने घर से मोबाइल फोन लेकर स्कूल आएंगे। दूसरे दिन मिल्कीपुर के पूर्व भाजपा विधायक गोरखनाथ बाबा इन विद्यालयों में पहुंचे और सामूहिक रूप से बच्चों के मोबाइल फोन से सैकड़ो भाजपा सदस्य बना डाले। यही नहीं भाजपा विधायक ने बच्चों के बीच पढ़ाए गए राजनीतिक पाठ का फोटोग्राफ्स भी अपनी फेसबुक आईडी पर अपलोड कर सोशल साइट पर वह वाही लूटने का भी काम किया। जिन बच्चों के हाथ में कलम व किताब, कापी होनी चाहिए, उनके पाठ्यक्रम से हट कर राजनीति की पढ़ाई पूर्व विधायक द्वारा पढ़ाई गई। यही नहीं कालेज प्रबंधन द्वारा बच्चों को नीचे जमीन पर बैठाकर पूर्व विधायक की बातें को सुनने के लिए सख्ती भी की गई। अब सवाल उठता है कि पूर्व विधायक कोई मौजूदा जनप्रतिनिधि भी नहीं है, उनसे योग्य अध्यापक भी कालेज में नियुक्त है, वह केवल पाठ्यक्रम से संबंधित पाठ पढ़ाते हैं। लेकिन राजनैतिक पाठ पढ़ाने के लिए विभिन्न कालेजों में पूर्व विधायक ने अलग से अपनी क्लास लगाई। पूर्व भाजपा विधायक और विद्यालय प्रबंधन द्वारा राजनीति से ग्रसित होकर छात्र-छात्राओं को को राजनीति में घसीटने का मामला अब पूरे क्षेत्र में चर्चा में आ गया है मामले को लेकर अभिभावकों ने भी गहरा असंतोष व्यक्त किया है। अब देखना है सरकार अथवा शासन में बैठे लोग सहित शिक्षा विभाग की जिम्मेदार अधिकारी ऐसे विद्यालय प्रबंधन के खिलाफ कौन सी कार्यवाही अमल में लाएंगे। यह तो भविष्य के गर्त में है, किंतु अब शिक्षण संस्थानों में भी राजनीति का ककहरा पढ़ाई जाने का सिलसिला जरूर शुरू हो गया है।