November 21, 2024

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संसार में अधिकांश लोग सुख की खोज में भटक रहे हैं :-शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज

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सुख चाहते हो तो सत्वगुण का संवर्द्धन करो

  • शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती विक्रम संवत् २०८१ श्रावण कृष्ण तृतीया 24 जुलाई 2024 ई.

संसार में अधिकांश लोग सुख की खोज में भटक रहे हैं। यह सुख कहीं किसी विशेष स्थान पर रखी हुई कोई वस्तु नहीं, जिसे जाकर प्राप्त किया जा सके।सुख चाहने वाले को अपने अन्दर सत्वगुण को बढा लेना चाहिए।सत्वगुण यदि आपमें बढ़ गया तो सुख ही सुख हो जाएगा।

उक्त उद्गार परमाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती ‘१००८’ ने अपने 22वें चातुर्मास्य व्रत अनुष्ठान के अवसर पर नरसिंह सेवा सदन, पीतमपुरा, दिल्ली में सायंकालीन प्रवचन के अवसर पर कही।

उन्होंने कहा कि तीन गुण हैं – सत्व, रज और तम। सत्वगुण जब बढता है तो व्यक्ति शान्त और सुस्थिर रहता है। रजोगुण बढता है तो व्यक्ति कर्म में प्रवृत्त होता है और तमोगुण बढता है तो व्यक्ति आलस्य और प्रमाद करने लगता है। संसार में लोगों के कार्यों को देखते हुए हम व्यक्तियों में इन गुणों की न्यूनता या अधिकता का अनुमान लगा सकते हैं।

आगे धर्म की व्याख्या करते हुए कहा कि धर्म स्वाभाव है। यह धर्म धर्मी में निहित रहता है। जिस प्रकार आग से उसकी दाहकता अलग नहीं की जा सकती वैसे ही धर्मी से भी धर्म को पृथक् नहीं किया जा सकता।

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद जी ने धर्म का तात्पर्य बताते हुए कहा कि अपने धर्मशास्त्रों में किसी भी दशा में अथवा किसी के भी लिए धर्म को न छोडने की शिक्षा दी गयी है। पर धर्म को भयावह कहा गया है। यहा पर धर्म का अर्थ आज के अनुसार दूसरे का (मुसलमान, ईसाई, पारसी आदि) नहीं हैं। यहा पर धर्म से तात्पर्य वर्णाश्रम धर्म से है। इसका अर्थ यह है कि जो जिस वर्ण और आश्रम में स्थित है उसे उसी धर्म के अनुसार जीवनयापन करना चाहिए। ब्राह्मण को क्षत्रिय आदि अन्य वर्णों के अनुसार आचरण नहीं करना चाहिए और इसी प्रकार अन्यों को भी।

सायंकालीन प्रवचन का शुभारम्भ जगद्गुरुकुलम के छात्रों द्वारा वैदिक मंगलाचरण से हुआ। शङ्कराचार्य जी की पादुकाओं का पूजन श्री सुरेश सिंह जी एवं श्रीमती सुमन सिंह जी ने किया। मंच संचालन श्री अरविन्द मिश्र ने किया और आरती से सत्संग सभा का समापन हुआ।

उक्त जानकारी पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज के मीडिया प्रभारी सजंय पाण्डेय के माध्यम से प्राप्त हुई है।

प्रेषक
सजंय पाण्डेय
मीडिया प्रभारी।
परमाराध्य परमधर्माधीश ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य जी महाराज।

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