लिप्पन कला अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम-डॉ रत्नेश यादव
1 min readमिल्कीपुर//अयोध्या
डॉ लोहिया महिला महाविद्यालय कुचेरा में नई शिक्षा नीति 2020 के अनुपालन में छात्राओं को आत्मनिर्भर एवं कौशल विकास के दृष्टिगत लिप्पन कला,संस्कृति और सशक्तिकरण की यात्रा शीर्षक पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। महाविद्यालय के शास्त्री सभागार में प्रबंधक डा सत्यम कृष्णा ने मां सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर कार्यशाला का शुभारंभ किया। इस मौके पर मुख्य अतिथि डॉ रत्नेश यादव असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय ने कहा कि लिप्पन कला प्रागैतिहासिक काल के नव पाषाण काल, हड़प्पा काल से ही प्रतीकों के माध्यम से मानव की भावनाओ की अभिव्यक्ति का सशक्त साधन रही है,लिप्पन कला का उदाहरण इतिहास में बहुतायत रूप में देखने को मिला है।विशिष्ट अतिथि डॉ विनीता पटेल ने कहा कि लिप्पन कला आधुनिक कला में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है,जो मानव जीवन के लिए उपयोगी सिद्ध होगी। कार्यशाला में मौजूद दूसरी विशिष्ट अतिथि डॉ शालिनी पांडे ने छात्राओं को लिप्पन कला के प्रति अग्रसर होने के लिए प्रेरित किया और लिप्पन कला की उपयोगिता एवं संवर्धन की व्याख्या किया। प्राचार्य डॉ एसपी शुक्ला ने कहा कि लिप्पन कला अभिव्यक्ति प्रकट करने में आत्मनिर्भर बनने का एक प्रमुख साधन है।कार्यक्रम का संचालन हरिकृष्ण वर्मा तथा अध्यक्षता राम बहादुर यादव ने किया।कार्यशाला में प्राध्यापकों समेत बड़ी संख्या में छात्राएं मौजूद रहीं।