अभिभावकों को दिए जाने वाले डीबीटी के बारह सौ रूपये का असली सच-पंकज सिंह. जिलाथ्यक्ष.राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ-बाँदा
1 min read- डीबीटी के बारह सौ रूपये का असली सच
-कहीं अभिभावक अपने घर में खर्च कर लेता है तो कहीं उसी पैसे से अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में नाम लिखाकर भरता है वहाँ की फीस
-जिस अभिभावक ने घर में खर्च किया तो उसका बच्चा यूनिफॉर्म के अभाव में नहीं आता स्कूल जिसने प्राईवेट स्कूलों में लिखा दिया बच्चे का नाम वो क्यों आए स्कूल?
-डीबीटी की पुरानी व्यवस्था पर किया जाए विचार
-छात्र उपस्थिति बढाने के सारे प्रयास हो रहे है निरर्थक पंकज सिंह
जिलाध्यक्ष
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ बाँदा
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समस्त भारतवासियों से अनुरोध🙏-वृक्ष नहीं होंगे तो बादलों को कौन आमंत्रित करेगा-वृक्ष है -तो जल है🌧️आक्सीजन बाबा-रामकृष्ण अवस्थी-शिक्षा मित्र 🇮🇳 ( बेटा माँ भारती का)🇮🇳-प्राथमिक विद्यालय खुरहण्ड-क्षेत्र-महुआ जनपद -बाँदा (उत्तर प्रदेश) के स्वतः 🌳वृक्षारोपण अभियान को सभी आगे बढाएं🌳- एक सदस्य 🌳-एक वृक्ष स्वतः लगाएं🌳 ।। स्वतः गुठली बैंक बनाकर पौंध तैयार करें, 🌱एक दूसरे को पौंधा दान देकर 🌱धरा को हराभरा बनाएं🌱।। घर-घर तुलसी 🌿.हर घर तुलसी🌿।।🌽सेहत का राज-मोटा अनाज🌽।।🧘♂️योग को दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बनाएं🧘♀️।।☔
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