चित्रकूट के प्राथमिक विद्यालय बन्धुइन भाग-1(चुनहा पुरवा) मे 75-वें गणतन्त्र दिवस के अवसर पर प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन के संदीप सिंह व हवलदार सिंह द्वारा समारोह का आयोजन किया गया
1 min readचित्रकूट-26-जनवरी
जनपद व ब्लॉक चित्रकूट के अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय बन्धुइन भाग – 1(चुनहापुरवा) में 75वें गणतंत्र दिवस के विशेष रूप में प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन से संदीप सिंह व हवलदार जी के द्वारा समारोह का आयोजन धूमधाम से किया गया। सबसे पहले बच्चों द्वारा प्रभात फेरी निकाली गई तत्पश्चात सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा कला एवं पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया ।अंत में मिष्ठान वितरण किया गया। इस कार्यक्रम में विद्यालय का समस्त स्टाफ तथा तमाम अभिभावकों ने उपस्थित होकर बच्चों का उत्साहवर्धन किया ।
प्रधानाध्यापक संगीता सिंह चंदेल, स. अ. हृदेश सिंह, छाया देवी, श्वेता मिश्रा शिक्षामित्र सविता देवी, शोभावती।
संविधान के बगैर देश को नहीं चलाया जा सकता। ऐसे में
तब एक संविधान सभा का गठन किया गया और संविधान
बनाया गया। इसमें निर्माण में डॉ. भीमराव अंबेडकर की सबसे
अहम भूमिका रही। संविधान को बनने में 2 साल 11 महीने 18
दिन का समय लगा। गहन विचार विमर्श, मंथन, कई बैठकों के
बाद बनाए गए इस संविधान को देश में 26 जनवरी 1950 को
लागू किया गया और भारत को लोकतांत्रिक, संप्रभु और
गणतंत्र देश के रूप में घोषित किया गया।
राष्ट्रपति भव्य समारोह में तिरंगा झंडा फहराते हैं। राष्ट्रगान और ध्वजारोहण के साथ उन्हें 21 तोपों की सलामी दी जाती है। अशोक चक्र और कीर्ति चक्र जैसे महत्वपूर्ण सम्मान दिए जाते हैं। राजपथ पर निकलने वाली झांकियों में भारत की विविधता में एकता की झलक दिखती है। परेड में भारत की तीनों सेना- नौ सेना, थल सेना और वायु सेना की टुकड़ी शामिल होती हैं और सेना की ताकत दिखती है। ऐसा नहीं है कि 26 जनवरी को राष्ट्रपति द्वारा झंडा फहराने और परेड व झांकियों आदि के समापन के साथ ही यह राष्ट्रीय त्योहार खत्म हो जाता है। 29 जनवरी को ‘बीटिंग रिट्रीट’ सेरेमनी के साथ गणतंत्र दिवस उत्सव का समापन होता है।
मेरे प्यारे साथियों, गणतंत्र दिवस सिर्फ जश्न का नहीं बल्कि प्रगति का जायजा लेने और उभरती चुनौतियों की तरफ भी देखने का दिन है। आकलन करना चाहिए क्या खोया और क्या पाया। आजादी के बाद हमने बहुत लंबा सफर तय क है। बहुत कुछ कर दिखाया है। सबसे बड़ी बात कि हम ऐप पर पढ़ें होने को साबित किया है। अपनी बहुरंगी-बहुभाषी, सतरंगी- साझी संस्कृति की धार को न सिर्फ कायम रखा है, उसे और गहरे अर्थ दिए हैं। विकास के नए-नए सोपान चढ़े हैं। यही वजह है कि दुनिया हमारी ओर उम्मीद से देख रही है।
यह भी सच है कि आजादी मिलने और संविधान लागू होने के इतने बरसों बाद भी आज भारत अपराध, भ्रष्टाचार, हिंसा, नक्सलवाद, आतंकवाद, गरीबी, बेरोजगारी, लिंग भेद, अशिक्षा जैसी समस्याओं से लड़ रहा है। हम सभी को एक होकर इन समस्याओं को खत्म करने की कोशिश करनी चाहिए। भारत को जब तक इस समस्याओं से बाहर नहीं निकालते तब तक स्वतंत्रता सेनानियों का सपना पूरा नहीं होगा। आज हमारे पास दुनिया का सबसे बड़ा मानव संसाधन हैं।
खबर संदीप सिंह की कलम द्वारा
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समस्त भारतवासियों से अनुरोध🙏-वृक्ष नहीं होंगे तो बादलों को कौन आमंत्रित करेगा-वृक्ष है -तो जल है🌧️आक्सीजन बाबा-रामकृष्ण अवस्थी-शिक्षा मित्र 🇮🇳 ( बेटा माँ भारती का)🇮🇳-प्राथमिक विद्यालय खुरहण्ड-क्षेत्र-महुआ जनपद -बाँदा (उत्तर प्रदेश) के स्वतः 🌳वृक्षारोपण अभियान को सभी आगे बढाएं🌳- एक सदस्य 🌳-एक वृक्ष स्वतः लगाएं🌳 ।। स्वतः गुठली बैंक बनाकर पौंध तैयार करें, 🌱एक दूसरे को पौंधा दान देकर 🌱धरा को हराभरा बनाएं🌱।। घर-घर तुलसी 🌿.हर घर तुलसी🌿।।🌽सेहत का राज-मोटा अनाज🌽।।🧘♂️योग को दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बनाएं🧘♀️।।☔
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