श्री मद्भागवत कथा में दैत्य हिरण्यकश्यप वध व श्रीहरि के वामन अवतार का वर्णन
1 min readसुल्तानपुर लम्भुआ
जनपद में पंडित रामदेव द्विवेदी स्मारक सेवा फाउण्डेशन के तत्वावधान में आयोजित दूल्हापुर-बगिया ग्राम स्थित परिसर में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सह प्रवचन के चौथे दिन कथा वाचक डा श्याम सुन्दर “पाराशर” महाराज श्रीधाम-वृंदावन ने श्रीमद्भागवत कथा में प्रह्लाद चरित्र व राजा बलि वामन अवतार चरित्र की कथा का वर्णन किया।सात दिवसीय भागवत कथा सप्ताह में कथा श्रवण करने पहुँचे जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि/बल्दीराय ब्लॉक प्रमुख शिवकुमार सिंह व्यासपीठ गुरुदेव से आशीर्वाद प्राप्त कर परिसर में उपस्थित गणमान्य भक्तों के साथ श्रवण की कथा। कथा वाचक ने अपने कहा कि जहां भागवत कथा होती है, वहां स्वयं भगवान विराजमान होते हैं। भागवत कथा श्रवण मात्र से ही किए गए पापों से मुक्ति मिलती है। महापुरुषों को उनके आचरण से जाना जाता है।
भक्त प्रहलाद का चरित्र वर्णन करते हुए कहा कि हिरण्यकश्यप नामक दैत्य ने घोर तपस्या कर भगवान ब्रह्मा से ऐसा वरदान प्राप्त किया कि वह न दिन में, न रात में, न अंदर, न बाहर, न कोई हथियार काट सके, न आग जला सके, न नर मार सके, न नारी, न पानी में डूब कर मरने का वरदान प्राप्त किया था। हिरण्यकश्यप के पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु के परम भक्त थे। हिरण्यकश्यप भगवान विष्णु को अपना दुश्मन मानते थे। वह निर्भय थे, हिरण्यकश्यप पुत्र प्रह्लाद को तरह-तरह की यातनाएं देने लगे जबकि भगवान हमेशा प्रह्लाद की रक्षा करते रहे। अंततः भगवान विष्णु नरसिंह का रूप धारण किया व अत्याचारी दैत्य हिरण्यकश्यप को गोधूलि बेला में वध किया था। भागवत कथा में कथा के आयोजक सुभाष दूबे(आईजी यातायात-लखनऊ)व उनकी धर्म पत्नी श्रीमती अंकिता दूबे द्वारा आये हुए श्रद्धालु भक्तों को श्रीमदभागवत गीता की पुस्तक भेंट स्वरूप देकर सभी जन का स्वागत करके कार्यक्रम स्थल कथा श्रवण करने हेतु आने के लिए आभार व्यक्त किया गया।
कथा कार्यक्रम में मुख्य यजमान श्रीमती द्रौपदी देवी व श्री राजनाथ दूबे, प्रधान कैलाश दूबे, हरिश्चन्द्र दूबे, कोतवाल लम्भुआ शिवाकांत त्रिपाठी, श्यामशंकर द्विवेदी, रवींद्र सिंह सहित आसपास के क्षेत्रवासी श्रद्धालुओं में भक्ति का माहौल व्याप्त है।