श्रीमद् भागवत कथा में कथावाचक सन्तोष शरण जी महाराज ने श्री कृष्ण – रुक्मणी विवाह प्रसंग
1 min readभागवत कथा में सुनाया श्रीकृष्ण-रुक्मणी विवाह प्रसंग, श्रद्धालुओं ने की पुष्पवर्षा।
मिल्कीपुर/अयोध्या
ग्राम पंचायत कुरावन पूरे भीखापुर मे आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में कथावाचक सन्तोष शरण जी महाराज ने श्रीकृष्ण-रुक्मणी विवाह प्रसंग सुनाया। श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीकृष्ण-रुक्मणी विवाह को एकाग्रता से सुना श्रीकृष्ण-रुक्मणि का वेश धारण किए बाल कलाकारों पर भारी संख्या में आए श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया श्रद्धालुओं ने विवाह के मंगल गीत गाए। कथा आयोजक पारस नाथ शुक्ला ने दीप प्रज्जवलित किया। प्रसंग में कथा व्यास ने कहा कि रुक्मणी विदर्भ देश के राजा भीष्म की पुत्री और साक्षात लक्ष्मी जी का अवतार थी। रुक्मणी ने जब देवर्षि नारद के मुख से श्रीकृष्ण के रूप, सौंदर्य एवं गुणों की प्रशंसा सुनी तो मन ही मन श्रीकृष्ण से विवाह करने का निश्चय किया। रुक्मणी का बड़ा भाई रुक्मी श्रीकृष्ण से शत्रुता रखता था और अपनी बहन का विवाह राजा दमघोष के पुत्र शिशुपाल से कराना चाहता था। रुक्मणी को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने एक ब्राह्मण संदेश वाहक द्वारा श्रीकृष्ण के पास अपना परिणय संदेश भिजवाया। तब श्रीकृष्ण विदर्भ देश की नगरी कुंडीनपुर पहुंचे और वहां बारात लेकर आए शिशुपाल व उसके मित्र राजाओं शाल्व, जरासंध, दंतवक्त्र, विदु रथ और पौंडरक को युद्ध में परास्त करके रुक्मणी का उनकी इच्छा से हरण कर लाए। वे द्वारिकापुरी आ ही रहे थे कि उनका मार्ग रुक्मी ने रोक लिया और कृष्ण को युद्ध के लिए ललकारा। तब युद्ध में श्रीकृष्ण व बलराम ने रुक्मी को पराजित करके दंडित किया। तत्पश्चात श्रीकृष्ण ने द्वारिका में अपने संबंधियों के समक्ष रुक्मणी से विवाह किया। अयोध्या जनपद मिल्कीपुर क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत कुरावन पूरे भीखापुर मे चल रही श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ कथा में हिंदू साम्राज्य परिषद जिला अध्यक्ष पवन पांडे, दिनेश कुमार शुक्ला, बृजेश कुमार शुक्ला, आलोक कुमार शुक्ला के साथ क्षेत्र के तमाम श्रद्धालु कथा में बड़ी संख्या में उपस्थित होकर श्री नारायण की पावन अमृत कथा का श्रवण किया।
राकेश कुमार मिश्रा मंडल ब्यूरो