महिला पत्रकार के पिता की मौत के जिम्मेदारों को पुलिस द्वारा अभी तक नहीं की गई गिरफ्तारी पत्रकारों में भारी आक्रोश।
1 min readमहिला पत्रकार के पिता की मौत के जिम्मेदारों को पुलिस द्वारा अभी तक नहीं की गई गिरफ्तारी पत्रकारों में भारी आक्रोश।
अयोध्या
सीएम योगी से महिला पत्रकार ने मांग की है कि हमें नहीं चाहिए ऐसा रक्षक जो भक्षक बनकर भगवान के लिबास में राक्षसो जैसा बर्ताव करे योगी सरकार चाहे जितना प्रयास कर ले लेकिन उसके कुछ भ्रष्ट पुलिस अधिकारी योगी सरकार की छवि धूमिल करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे जबकि सीएम योगी द्वारा ट्विट किया गया है कि डबल इंजन सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं रामराज्य की आधारशिला है। रामराज्य में दु:ख का कोई स्थान नहीं है, इसलिए सरकार आधिदैविक, आधिभौतिक और आध्यात्मिक तीनों प्रकार के दु:ख से जनता को मुक्त करने का प्रयास कर रही है। परंतु यहां की पुलिस न तो न्याय करना जानती है और न ही नारी का सम्मान, अयोध्या पुलिस सिर्फ और सिर्फ सोशल मीडिया पर छाई रहना चाहती है। चाहे नारी सम्मान हो या कुछ और परंतु यदि देखा जाए तो जमीनी हकीकत कुछ और ही है। मामला जनपद अयोध्या के थाना इनायतनगर क्षेत्र के पलिया जगमोहन सिंह मुo कुचेरा का है जहां पत्रकार नीलम सिंह के पिता रामसिंह के पटीदार बीते दिनांक 17 सितंबर की शाम को राम सिंह वा बबलू सिंह को गाली दे रहे थे कि बबलू सिंह के मना करने पर पटीदार विकास सिंह, अंकुर सिंह, विकास सिंह की मां और उनकी दादी लंबरदारिन सब लोग मारने लगे कि हल्ला सुन बबलू सिंह के पिता खाना खा रहे थे कि बाहर निकले और बबलू सिंह को छुड़ाने लगे, बबलू सिंह को छुड़ाता देख रामसिंह के सभी उपरोक्त पटीदार बबलू सिंह को छोड़ राम सिंह पर हावी हो गए और राम सिंह को इतना मारा कि मर्णासन हो गए। बबलू सिंह द्वारा 112 डायल किया गया लेकिन नहीं मिला तो 108 डायल कर एंबुलेंस बुलाया और मिल्कीपुर सीएचसी ले गए जहां के डॉक्टरों ने इंजेक्शन देकर जिला अस्पताल रिफर कर दिया फिर वहां से ट्रामा सेंटर दर्शन नगर और फिर ट्रामा सेंटर दर्शन नगर से लखनऊ ट्रामा सेंटर रिफर किया गया। जहां राम सिंह का डॉक्टरों के बताने के अनुसार फेफड़ा फट जाने वा रीढ़ की हड्डी टूट जाने से ट्रामा सेंटर लखनऊ में इलाज के दौरान 18/19 सितंबर की रात्रि मौत हो गई। पिता के अंतिम संस्कार के बाद जब महिला पत्रकार दिनांक 20 सितंबर को जब शिकायत लेकर इनायतनगर थाना प्रभारी के पास गई तो थाना प्रभारी अरुण प्रताप सिंह ने उस महिला की बगैर कोई बात सुने पीएम रिपोर्ट लाने को कहते हैं और उठकर चले जाते हैं। परंतु सीओ मिल्कीपुर द्वारा पुनः अगले दिन महिला को थाना भेजा जाता है जहां थाना प्रभारी अरुण प्रताप सिंह द्वारा महिला पत्रकार को बेइज्जत कर भगा दिया जाता है। शायद पुलिस लाइन से कमाऊ थाना पाने का घमंड है। पत्रकार महिला का सवाल, क्या अयोध्या पुलिस द्वारा इसी तरह किया जाता है महिला का सम्मान? जब एक महिला के साथ वो भी पत्रकार महिला के साथ पुलिस द्वारा इस तरह की रवैया अपनाया जा रहा है तो आम लोगों के साथ किस तरह का बरताव किया जाता होगा। हालांकि महिला पत्रकार के द्वारा एसएसपी तक काफी दौड़ भाग के बाद आईजी अयोध्या तक पहुंची तो दिनांक 26 सितंबर को आईजी के फटकार लगाने के बाद थाना प्रभारी द्वारा मुकदमा लिखा गया। जिसका अपराध संख्या 435/23 धारा 323,352,304,452,504,506 के तहत मुकदमा तो दर्ज किया गया परंतु अभी तक पुलिस ने किसी की गिरफ्तारी नहीं की। पत्रकारों में रोष, सीएम योगी से महिला पत्रकार की मांग, हमें नहीं चाहिए ऐसा रक्षक जो भक्षक बनकर भगवान के लिबास में राक्षसो जैसा बरताव करें।