रमजान का महीना बड़ा ही खैर व बा बरकत वाला महीना – मौलाना कामिल हुसैन नदवी
1 min readरमजान का महीना बड़ा ही खैर व बा बरकत वाला महीना – मौलाना कामिल हुसैन नदवी
भेलसर/अयोध्या
चांद नजर आ गया है, चांद निकलने के बाद आज से रमजान का मुबारक महीना शुरू हो चुका है।अल्लाह तआला ने इस पाक महीने को बड़ा ही खैर व बरकत वाला बनाया है यह महीना वह है जिसमें रोजे रखना फर्ज और जरूरी और दीन ए इस्लाम के बुनियादी आमाल में से है।बगैर शरई उज्र के रोजे न रखना बहुत बड़ा गुनाह और जुर्म है।हर मुसलमान पर जरूरी है कि रमज़ानुल मुबारक का बहुत ऐहतिराम करे और सारी इबादतों को खूब ज्यादा से ज्यादा अदा करे।यह बातें विकास खंड मवई क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम नेवरा के मदरसा आयशा लिल बनात के प्रबंधक मौलाना कामिल हुसैन नदवी ने कही।
उन्होंने कहा कि हर मुसलमान नमाज का एहतिमाम और पांचों वक्त की नमाज की पाबंदी करें।कुरान पाक की तिलावत करें इसी महीने मे कुरआन पाक नाज़िल हुआ है।अल्लाह तआला की याद,जिक्र और दुआ में गुनाहों से तौबा इस्तिगफार करे और नबी सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम पर दुरूद व सलाम में इस महीने को गुजारें।इस महीने मे नेकियों का सवाब जो अन्य दिनो से 70 गुना बढ़ा दिया जाता है।इसलिए हर तरह से खूब ज्यादा से ज्यादा सवाब कमाने की कोशिश करे और आखिरत को बेहतर बनाने की कोशिश करना चाहिए।इस महीने में फिजूल की बातों और कामों से दूर रहें।उन्होंने इस खास महीने पर रोशनी डालते हुए कहा कि और इबादतों के साथ साथ इस महीने में अपने माल को राहे खुदा में खर्च करके खूब सदका व खैरात करना चाहिए और तरावीह की नमाज जो इशा के बाद 20 रकात हैं पूरे महीने पाबन्दी से साथ अदा करें।इस महीने की आखिरी 10 दिनों मे ऐतिकाफ किया जाता है यह बड़ी अहम और मसनून इबादत है।यह महीना बड़ा ही कीमती है इसका और इसकी कद्र करें।उन्होंने कहा कि इस महीने में एक रात बड़ी अजमत वाली रात आती है जिसे शब ए कद्र कहते हैं इस रात में इबादत का सवाब आम दिनों के मुक़ाबले हजार महीनों की रातों की इबादत के सवाब से बढ़कर है।इस महीने में गरीब और जरूरतमंदों और मोहताजों की मदद करना भूखे को खाना खिलाना और प्यासे को पानी पिलाना बड़ा ही सवाब है।