कर्नलगंज पुलिस के सामने उपजिलाधिकारी का आदेश भी बेअसर
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कोतवाली कर्नलगंज पुलिस के सामने उपजिलाधिकारी का आदेश भी बेअसर
कर्नलगंज, गोण्डा।
जहां एक ओर जिले के पुलिस अधीक्षक संतोष मिश्र द्वारा फरियादियों को त्वरित न्याय उपलब्ध कराने और सुचारू रूप से कानून व्यवस्था बनाए रखने के प्रति सख्त रवैया अपनाते हुए अधीनस्थ जिम्मेदार पुलिस विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों को आये दिन आदेश/निर्देश दिए जा रहे हैं और पीड़ितों के साथ मित्र पुलिस की तरह पेश आने की हिदायत दी जा रही है वहीं स्थानीय पुलिस अपनी मनमानी एवं निरंकुश कार्यप्रणाली से बाज नहीं आ रही है। ऐसे मामले प्रायः सामने आ रहे हैं। जिसके संबंध में ताज़ा मामला कोतवाली क्षेत्र कर्नलगंज में सामने आया है जहां उपजिलामजिस्ट्रेट का भी आदेश मानने को कोतवाली पुलिस तैयार नही है और जनवरी माह में मांगी गई रिपोर्ट करीब तीन महीने के बाद भी पुलिस ने अभी तक उपलब्ध नही कराई है। मामला कोतवाली कर्नलगंज क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम चकरौत से संबंधित है। यहां की निवासिनी फरियादी महिला गीता देवी द्वारा उपजिलाधिकारी को दिये गये प्रार्थनापत्र में कहा गया है कि उसके पिता अवधराज सिंह ने अपनी संपत्ति उसके नाम वसीयत कर दी थी। उसके बाद भी कुछ लोग उसके वसीयत शुदा भूमि पर कब्जा जमाने लगे। जिस पर उसने उपजिलामजिस्ट्रेट के न्यायालय पर बीते चार जनवरी को धारा 145 का वाद प्रस्तुत किया था। जिसमें माननीय न्यायालय द्वारा छह जनवरी को पत्र भेजकर कोतवाली पुलिस को नियत तिथि के अंदर आख्या प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। लेकिन पुलिस ने अभी तक आख्या प्रस्तुत नही किया है। वहीं पत्र में कहा गया है कि बीते 25 मार्च को न्यायालय द्वारा पुनः पत्र भेजा गया जिसमें कहा गया है कि अभी तक आख्या प्राप्त नही हुई है जिससे आख्या के अभाव में प्रकरण में कार्रवाई नही हो पा रही है, प्रकरण में नियत तिथि 30 मार्च के पूर्व जांच कर आख्या उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। परन्तु पुलिस द्वारा निर्धारित तिथि को भी आख्या नही उपलब्ध कराई गई है। जिससे न्याय की प्रक्रिया बाधित हो रही है। इस तरह अनेकों ऐसे मामले हैं जिसमे पुलिस स्तर पर कार्रवाई बाधित रहती है। जिससे पीड़ितों को समय से न्याय नही मिल पाता है। मामले में प्रभारी निरीक्षक से दूरभाष पर संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन संपर्क नहीं हो सका।