कथा सुनने से होता है मानव जीवन में संस्कारों का उदय : कथा व्यास पंडित श्री ज्ञानी जी महाराज
1 min readकथा सुनने से होता है मानव जीवन में संस्कारों का उदय : कथा व्यास पंडित श्री ज्ञानी जी महाराज अयोध्या
दुबेपुर ब्लॉक के अमिलिया कला गांव में पंडित श्री शिशिर कुमार शर्मा एवं श्रीमती अनीता शर्मा के निज निवास पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा का सातवां दिन
सुलतानपुर।
दुबेपुर ब्लॉक के अमिलिया कला गांव में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के सातवें दिन कथा व्यास पंडित श्री ज्ञानी जी महाराज के मुख्य बिंदुओं से सुनाई जा रही है कथा को सुनकर भक्त हुए भाव विभोर। कथा के सातवें दिन कथा व्यास ने बताया कि भक्तों के पापों का हरण कर लेने वाला ही ईश्वर है। श्रीमद् भागवत कथा सुनने का लाभ तभी है जब हम इसे अपने जीवन में उतारें और उसी के अनुरूप व्यवहार करें।कथावाचक ने कहा कि कथा सुनने से मानव जीवन में संस्कार का उदय होता है। जीवन में कितनी भी विकट परिस्थिति क्यों न आ जाए मुनष्य को अपना धर्म व संस्कार नहीं छोड़ना चाहिए। ऐसे ही मनुष्य जीवन के रहस्य को समझ सकते हैं। कहा कि जिसकी भगवान के चरणों में प्रगाढ़ प्रीति है, वही जीवन धन्य है। ईश्वर ने विभिन्न लीलाओं के माध्यम से जो आदर्श प्रस्तुत किया, उसे हर व्यक्ति को ग्रहण करना चाहिए। ऐसा करने से जीवन मूल्यों के बारे में जानकारी मिलने के साथ-साथ अपने कर्तव्य को भी समझा जा सकता है।कथा के अंतिम दिन कथा व्यास पंडित श्री ज्ञानी जी महाराज ने बताया कि श्रीकृष्ण और सुदामा के बीच अच्छी दोस्ती थी। उन्होंने सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि सच्ची दोस्ती में छल और कपट नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से पाप होता है। श्रीकृष्ण से बचपन में मित्र सुदामा ने कपट किया था। जिसके चलते सुदामा की आर्थिक स्थिती बिगड़ गई। वर्षों बाद श्रीकृष्ण से मिलने पर सुदामा की स्थिति में सुधार हुआ। कथा सुनकर भक्त भाव विभोर हो गए। जिसके साथ ही वातावरण भक्तिमय हो गया। लोगों ने श्रीकृष्ण के जयकारे लगाने शुरू कर दिए। कथा समाप्त होने के बाद प्रसाद का वितरण किया गया। तत्पश्चात माइक द्वारा एलाउंसमेंट करते हुए भक्त गणों को सूचित भी किया गया कि 27 मार्च रविवार को महायज्ञ एवं 28 मार्च सोमवार को महा भंडारे का आयोजन किया गया है।आप सभी भक्तजन भंडारे में शामिल होकर प्रसाद ग्रहण करने का अवसर प्राप्त करें।