January 11, 2025

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तोता-मैना की कब्र पर लिखी आयतों में छुपा है खजाने का राज,हजारों साल बाद भी नहीं सुलझी पहेली

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संभल।

उत्तर प्रदेश के संभल में पौराणिक मंदिर और कूपों के साथ रहस्यमय बावड़ी और इमारतों के मिलने का सिलसिला लगातार जारी है।चंदौसी में राजा की 200 साल से अधिक बावड़ी मिलने के बाद संभल में रहस्यमय बावड़ी और तोता-मैना की सैकड़ों साल पुरानी कब्र मिली है।संभल में मिली रहस्यमय बावड़ी इलाके के लोगों के बीच चोरों के कुंए के नाम से मशहूर है,लेकिन इस रहस्यमय बावड़ी से कुछ दूरी पर बनी एक कब्र भी कम रहस्यमय नहीं है।

कब्र पर लिखी आयतें भाषा के जानकारों के लिए आज भी अनसुलझी पहेली बनी हुई है।इलाके के लोगों का मानना है कि इस बावड़ी के अंदर चोरों का कोई अकूत खजाना छिपा है,जिसका राज तोता-मैना की कब्र पर लिखी आयतों में छिपा है।अराजक तत्व खजाने का राज जानने के लिए कई बार कब्र के साथ तोड़फोड़ कर चुके हैं।

संभल का इतिहास काफी पौराणिक रहा है।पृथ्वीराज सिंह चौहान की राजधानी भी संभल में थी। जानकारों के मुताबिक संभल में मिली विशाल रहस्यमय बावड़ी राजपूत राजा के काल में सैनिकों के ठहरने और छिपने का स्थान हुआ करता था,जो कि राजपूत काल खत्म होने के बाद इलाके में लूटमार और चोरी करने वाले डाकुओं और चोरों का ठिकाना बन गया है।डाकू और चोर इस बावड़ी में छिपने के साथ ही लूटपाट की संपत्ति के खजाने को छिपाने के लिए इस्तेमाल करते थे,जिससे इस बावड़ी का नाम चोरों का कुआं पड़ गया।

इस रहस्यमय बावड़ी के नजदीक बनी तोता-मैना की कब्र के बारे में भी कहा जाता है कि तोता-मैना की यह कब्र पूर्व में पृथ्वीराज सिंह चौहान की बेटी वेला की समाधि थी।मुस्लिम शासकों ने समाधि को तोड़कर कब्र बना दी।फिलहाल हजारों साल पुरानी बावड़ी और तोता-मैना की कब्र का रहस्य आज भी लोगों के लिए राज बना हुआ है।

बीते बुधवार को संभल की इस रहस्यमय बावड़ी और कब्र के मिलने की जानकारी के बाद डीएम राजेंद्र पेंसिया और एसपी कृष्ण विश्नोई राजस्व और नगरपालिका के अधिकारियों की टीम के साथ बावड़ी और तोता-मैना की कब्र के निरीक्षण के लिए पहुंचे थे।डीएम ने बावड़ी और कब्र के निरीक्षण के बाद इनके संरक्षण और जीर्णोद्वार की बात कही है।

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