स्टे के बावजूद विवादित भूमि पर दबंगों ने किया अवैध कब्जा, एसडीएम से शिकायत
1 min readस्टे के बावजूद विवादित भूमि पर दबंगों ने किया अवैध कब्जा, एसडीएम से शिकायत
परसपुर पुलिस पर दबंगों से मिलीभगत का गंभीर आरोप
पीड़ित ने एसडीएम को शिकायती पत्र देकर अवैध कब्जा हटवाने की लगाई गुहार।
गोंडा।
जिले के परसपुर थाना क्षेत्र के नगर पंचायत परसपुर में कोर्ट से स्टे होने के बावजूद एक विवादित भूमि पर दबंगों द्वारा पुलिस से मिलीभगत कर जबरन अवैध कब्जा किए जाने का मामला सामने आया है। आरोप है कि मामले में एएसपी गोंडा से हुई शिकायत पर उनके द्वारा तत्काल अवैध कब्जा रोके जाने के दिये गये आदेश पर भी एसएचओ परसपुर ने कार्य नहीं रोकवाया और उच्चाधिकारियों के आदेश के साथ ही कोर्ट की भी अवमानना की गई। यही नहीं पीड़ित का कहना है कि बेखौफ दबंगों ने उसको धमकियां देते हुए कहा है कि “जैसे सपा नेता को मारा है,वैसे ही तुम्हें भी खत्म कर देंगे”। पीड़ित ने एसडीएम को शिकायती पत्र देकर अवैध कब्जा हटवाए जाने और दबंगों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की है। मामले में एसडीएम ने नायब तहसीलदार व एसएचओ परसपुर को जांच करके तत्काल कार्रवाई करने और न्यायालय के आदेश की अवमानना ना होने देने के निर्देश दिए हैं।
परसपुर नगर पंचायत के वार्ड नंबर 12 निवासी पीड़ित अवधेश कुमार तिवारी पुत्र जगदीश प्रसाद तिवारी ने कर्नलगंज के एसडीएम को दिए गए शिकायती पत्र में कहा है कि उसकी बैनामा शुदा भूमि जिसका मुकदमा भी प्रतिवादी ने सिविल न्यायालय में दायर कर रखा है। जिसमें न्यायालय चतुर्थ अपर सिविल जज जूनियर डिवीजन गोंडा द्वारा विवादित भूमि पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश पारित किया गया है। विपक्षी लल्लू पुत्र गया प्रसाद, मनीराम पुत्र लल्लू, मालती देवी पत्नी धनीराम, दुर्गेश कुमार पुत्र राजेंद्र कुमार,अमित कुमार पुत्र राजेंद्र कुमार,आकाश कुमार पुत्र राजेंद्र कुमार,सूरज कुमार पुत्र राजेंद्र कुमार,सुमित कुमार पुत्र राजेंद्र कुमार,मुन्ना पुत्र राजेंद्र कुमार वार्ड नंबर 3 निवासी ने अपने अन्य सहयोगियों एवं पुलिस की मिलीभगत से उसकी जमीन पर बने मकान की दीवार को तोड़कर अपना सामान रख लिया तथा टीन शेड उजाड़ दिया और प्लास्टर को भी तोड़ दिया है। पीड़ित ने अवैध कब्जा हटवाए जाने और दबंगों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की है। आपको बता दें यह मामला प्रशासन के लिए गंभीर सवाल खड़ा कर रहा है, क्योंकि स्टेशुदा विवादित भूमि पर इस प्रकार के जबरन अवैध कब्जे से न केवल कानून की अवहेलना होती है, बल्कि भ्रष्टाचार और मिलीभगत के आरोप भी लगते हैं। ऐसे में थाने के जिम्मेदार एसएचओ व अन्य पुलिस कर्मियों की भूमिका की जांच कराकर वैधानिक कार्यवाही की जानी चाहिए ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं न घटित हों। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस पर किस प्रकार की कार्रवाई करता है और क्या इस अवैध कब्जे को जल्द से जल्द हटाया जाएगा।