विधानसभा के मानसून सत्र की हुई शुरुआत,विपक्ष ने किया जमकर हंगामा
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लखनऊ।
उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत आज हो गई है।मानसून सत्र के दौरान विपक्ष ने जमकर हंगामा किया है।इस दौरान विपक्ष के विधायक पोस्टर लेकर बेल तक पहुंच गए।इससे पहले यूपी विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने समाजवादी पार्टी के नेता माता प्रसाद पांडे का स्वागत किया,जिन्हें सदन में नेता प्रतिपक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 4 नए मंत्रियों का परिचय कराया। सीएम ने कहा कि पंचायती राज और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मंत्री के रूप में ओम प्रकाश राजभर, प्रदेश सरकार में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री के रूप में अनिल कुमार, प्रदेश सरकार में कारागार मंत्री के रूप में दरा सिंह चौहान और प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में सुनील शर्मा को मंत्रीमंडल में शामिल किया गया है।बता दें कि आज विधानसभा में अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा। इसके साथ ही विभिन्न विषयों पर चर्चा होगी।
सीएम योगी ने की सकारात्मक सहयोगी की अपील
मानसून सत्र शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज से उत्तर प्रदेश विधानमंडल का सत्र प्रारंभ हो रहा है ये मानसून सत्र है। हम सब जानते हैं कि उत्तर प्रदेश ने फरवरी में ही अपना बजट पेश कर दिया था। मानसून सत्र में प्रदेश की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए पहला अनुपूरक मांग इस सदन में प्रस्तुत होगा। प्रदेश आज देश की सबसे बड़ी उभरती हुई अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर हुआ है और यही कारण है कि यूपी ने पिछले 7 वर्ष में पीएम मोदी के नेतृत्व में जिन ऊंचाईयों का प्राप्त किया वह अविस्मरणीय है।सीएम ने कहा कि सदन की कार्रवाई सुचारू रूप से चले और इसमें सभी का योगदान मिल सके इसके लिए मैं सभी जनप्रतिनिधियों का आह्वान करूंगा,सभी विपक्षी से कहूंगा कि वे जिन मुद्दों को लेकर सदन का ध्यान अपनी ओर करना चाहेंगे प्रदेश की जनता से जुड़ी हुई समस्या का हल करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है,सरकार जवाब देगी,सदन की कार्रवाई अच्छे से चल सके इसके लिए मैं सबसे अपील करूंगा कि वे सभी सकारात्मक सहयोग दें।
माता प्रसाद पांडे ने समस्याओं पर चर्चा की कही बात
नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे ने कहा कि मैं विधानसभा में इस सरकार द्वारा उपेक्षित वंचित लोगों के मुद्दों को उठाने की पूरी कोशिश करूंगा। हम सभी मुद्दों को उठाएंगे चाहे वह बिजली का मामला हो, कानून व्यवस्था का मामला हो या शासन का। हमने अनुरोध किया था कि सत्र को 5 दिन और बढ़ा दिया जाए। अब सरकार तय करती है कि यह कितने दिन का होगा। हम इसे आगे भी जारी रखने की कोशिश करेंगे ताकि सभी समस्याओं पर चर्चा हो सके।