20 वर्षों में भी नहीं हो सका गांव में एक सड़क का निर्माण,आज भी लोग कीचड़ भरे गड्ढे से चलने को मजबूर
1 min readबीते 20 वर्षों में भी नहीं हो सका गांव में एक सड़क का निर्माण,आज भी लोग कीचड़ भरे गड्ढे से चलने को मजबूर
विकास से कोसों दूर जोरिया पूरे भीखी, लगातार तीन पंचवर्षीय कार्यकाल में नहीं हुआ एक भी कार्य
“खाता ना बही जो प्रधान जी कहैं वही सही”
अयोध्या अमानीगंज।
लगातार दो पंचवर्षीय कार्यकाल के सरपंच देवी प्रसाद गोस्वामी की नाराज़गी कहें या पंचायत सचिव और प्रधान प्रतिनिधि की अनबन लेकिन झेल रहे हैं ग्राम वासी। मिल्कीपुर तहसील की यह ग्राम सभा अधिकांशतः किसी ना किसी मामले को लेकर चर्चा में बनी रहती है। जनता से जुड़े मुद्दे बीते वर्षों से लगभग गायब हो चुके हैं यहां वोट की राजनीति शुरू से ही हाबी है जहां से मिला सरपंच जी को वोट वहां हुआ काम नहीं तो कोई ना कोई बहाना, हां ,नहीं तो कहना ही नहीं है।बात करें जोरिया की तो यहां सभी सामान्य वर्ग के और लगभग दस घर हैं लेकिन दो पंचवर्षीय कार्यकाल बीतने को है पर यहां ना सड़क ना पेयजल के लिए शुद्ध पानी ना ही जल निकासी की व्यवस्था जैसा कोई कार्य हुआ। ग्राम वासियों को आने जाने के लिए एक खड़ंजा लगभग सन् 2000 में लगाया गया था लेकिन अब उसमें गड्ढे ही गड्ढे हो गए हैं जिसके बारे में कई बार कहा गया तो सरपंच जी का एक ही रटा रटाया जबाब पैसा आते ही करायेंगे लेकिन आज तक नहीं हुआ, वृक्षारोपण कई बार कराया, लेकिन एक भी पेड़ नहीं लगे सब देखरेख के अभाव में सूख गये ।साफ सफाई की बात करें तो गांव में सफाई कर्मी कभी आया ही नहीं।एक तालाब की खुदाई शुरू किया गया पूर्व प्रधान द्वारा तो उसमें भी बंदर बांट हो गयी और आज तालाब देखने से लगता है कि इस पर कोई कार्य हुआ ही नहीं।एक 200 मीटर कच्चे चकमार्ग जिससे इस गांव और मुख्य ग्राम भीखी का पूरा के लोग आते-जाते हैं जिस पर खड़ंजे की मांग कुछ दिनों से की जा रही है लेकिन कभी प्रस्ताव तो कभी धनाभाव तो कभी पंचायत सचिव से मनमुटाव के कारण आज तक यह छोटा सा काम भी नहीं हो सका। मुख्य राजस्व गांव की बात करें तो यहां के लोगों को मुख्य मार्ग तक आने जाने के लिए एक ही पक्की सड़क है जिस पर बारिश में अमानीगंज खंडासा मुख्य मार्ग से गांव की तरफ मुड़ते ही भयंकर जल-भराव रहता है जिसमें अबतक गिरकर कई लोग चोट खा चुके हैं इसके समाधान के लिए एक नाले का निर्माण शुरू हुआ लेकिन वह भी पूरा नहीं हो सका और इस बारिश में भी लोग गंदे कीचड़ युक्त पानी से होकर ही जायेंगे। ग्राम वासियों के अनुसार यहां पहले सामान्य वर्ग की सीट होने की उम्मीद पर एक लम्बरदार चुनाव मैदान में थे लेकिन अचानक सीट पिछड़ीं हो जाने से एक बार पुनः जनता ने वर्तमान प्रधान पर भरोसा जताया, लोगों के अनुसार लम्बरदार और निवर्तमान प्रधान एक ही खेमे के हैं और मददगार भी हुए यहां तक कि बिना लम्बरदार के प्रधान जी कोई निर्णय स्वयं नहीं लेते थे पर अब नाराजगी ऐसे कि प्रधान जी के हर काम में अड़ंगा। एक बीडीसी हैं उनको भी लम्बरदार की ही मदद से जीत हासिल हुई लेकिन उनका आजतक कोई काम नहीं हुआ यहां तक कि उनके आने जाने वाले मार्ग पर खड़ंजे का प्रस्ताव हुआ तो लेकिन केवल कागजों में ही। वैसे लम्बरदार के बारे में एक बात चर्चित है कि जिसका खाया उसी को नुक्सान पहुंचाया, कमोबेश दोनों लोगों की राजनीति के चक्कर में जनता बेहाल है और विकास कार्य ठप है।