श्रीमती रामबाई दीक्षित स्मृति लेखक सम्मान-2024 हेतु पुस्तकें आमंत्रित–शिक्षा, संस्मरण और यात्रा वृत्तांत विधा की पुस्तकें शामिल–नवम्बर, 2024 में होगा भव्य सम्मान समारोह–#-प्रमोद दीक्षित. मलय
1 min readश्रीमती रामबाई दीक्षित स्मृति लेखक सम्मान-2024 हेतु पुस्तकें आमंत्रित
- शिक्षा, संस्मरण और यात्रा वृत्तांत विधा की पुस्तकें शामिल
- नवम्बर, 2024 में होगा भव्य सम्मान समारोह
अतर्रा (बांदा)
शैक्षिक मुद्दों पर आधारित पुस्तकों के लेखकों को पुरस्कृत करने हेतु वर्ष 2022 में श्रीमती रामबाई दीक्षित स्मृति लेखक सम्मान की स्थापना की गई थी। इस सम्मान अंतर्गत लेखक को शॉल, सम्मान पत्र, स्मृति चिह्न, लेखनी, अलंकृत मेडल और 1100/रुपये की मानद राशि भेंट की जाती है। वर्ष 2024 हेतु शिक्षा के साथ संस्मरण एवं यात्रा वृत्तांत विधा की पुस्तकें आमंत्रित की जाती हैं। लेखक या प्रकाशक पुस्तक की तीन प्रतियां 10 अगस्त तक प्रेषित कर सकते हैं।
उक्त जानकारी देते हुए श्रीमती रामबाई दीक्षित स्मृति लेखक सम्मान के संस्थापक शिक्षक एवं साहित्यकार प्रमोद दीक्षित मलय ने बताया कि उन्होंने 2022 में अपनी माता जी की स्मृति में उनके नाम पर ‘श्रीमती रामबाई दीक्षित स्मृति लेखक सम्मान’ की स्थापना की थी। यह सम्मान प्रत्येक वर्ष शैक्षिक मुद्दों पर आधारित ऐसी पुस्तकों के लेखकों को प्रदान किया जायेगा जिन्होंने शिक्षा क्षेत्र के जमीनी अनुभवों को लेखन का आधार बनाया हो, जिनमें समस्या के साथ समाधान के सूत्र भी सुझाये गये हों। चयनित लेखक को यह सम्मान नवम्बर, 2024 में आयोजित शैक्षिक-साहित्यिक संगोष्ठी एवं शिक्षक-लेखक सम्मान समारोह में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों से पधारे नवाचारी शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं साहित्यकारों के सम्मुख प्रदान किया जायेगा। सम्मान अंतर्गत लेखक को शॉल, सम्मान पत्र, स्मृति चिह्न, लेखनी, अलंकृत मेडल और 1100/रुपये की मानद राशि भेंट की जायेगी। लेखकों एवं प्रकाशकों से अनुरोध है कि 2023 तक प्रकाशित शिक्षा, संस्मरण एवं यात्रा वृत्तांत विधा की पुस्तकों की तीन-तीन प्रतियां 10 अगस्त तक समिति के कार्यालय शास्त्री नगर, अतर्रा -210201, जिला- बांदा (उ.प्र.) के पते पर रजिस्टर्ड डाक या कुरियर से प्रेषित कर दें। अन्य जानकारी हेतु 9452085234 और 8299447274 पर संवाद कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022 हेतु श्रीमती रामबाई दीक्षित स्मृति लेखक सम्मान दिनेश कर्नाटक की पुस्तक ‘शिक्षा में बदलाव की चुनौतियां’ और आलोक मिश्रा की कृति ‘बच्चे मशीन नहीं हैं’ को तथा वर्ष 2023 का सम्मान भाषाविद् कमलेश कमल की पुस्तक ‘भाषा शंषय-शोधन’ हेतु प्रदान किया गया था। वर्ष 2024 हेतु शिक्षा के साथ संस्मरण एवं यात्रा वृत्तांत विधा को भी शामिल किया हैं।
शिक्षक प्रमोद दीक्षित. मलय.की कलम से
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