राम जन्मभूमि थाने के प्रभारी और एक बंदर की अनोखी दोस्ती की मिसाल
1 min readअयोध्या !
देवेंद्र पांडे ने बताया कि एक बंदर मेरे पास अक्सर आता है. मैं हनुमान जी की हमेशा पूजा करता हूं. पंचमुखी हनुमान जी में मेरी बहुत आस्था है. मेरे ऊपर हनुमान जी की ही कृपा है कि वानर राज मेरे पास आते हैं.
इन दिनों रामनगरी में एक थाना चर्चा में है. दरअसल, अयोध्या के राम जन्मभूमि थाने के प्रभारी और एक बंदर की अनोखी दोस्ती मिसाल बन गई है. थाने के एसएचओ देवेंद्र पांडेय के पास रोजाना एक बंदर आता है और कभी वह उनकी गोद में जाकर बैठता है तो कभी कंधे पर आकर बैठ जाता है. कभी बालों को सहलाने लगता है, तो कभी कुछ खाने-पीने के लिए भी इशारा करता है . यह बंदर पिछले 4-5 महीने से लगातार आता है. इतना ही नहीं इस बंदर की एक खासियत और भी है कि यह जब कुछ खाता है तो यह देवेंद्र पांडे को भी खिलाने लगता है.
एसएचओ देवेंद्र पांडेय ने इस बंदर का नाम भी रखा है, जिसे कभी बजरंगी तो कभी सुशीला के नाम से बुलाते हैं. यह बंदर भी अपने नाम से पुकारे जाने पर दौड़कर आता है. देवेंद्र पांडे ने बताया कि जब से मेरी यहां पोस्टिंग हुई है तब से एक बंदर मेरे पास अक्सर आता है. मैं हनुमान जी की हमेशा पूजा करता हूं. पंचमुखी हनुमान जी में मेरी बहुत आस्था है. मेरे ऊपर हनुमान जी की ही कृपा है कि वानर राज मेरे पास आते हैं.
ये है हिंदू धर्म में मान्यता
धार्मिक मान्यता है कि बंदर को हनुमान का रूप माना जाता है. राम मंदिर से बंदर का अनोखा रिश्ता है फिर चाहे विवादित ढांचा विध्वंस का मामला हो उस समय भी सबसे पहले शिखर पर बंदर ने कारसेवकों को रास्ता दिखाया था. उसके बाद भगवान रामलला के भव्य मंदिर में विराजमान होने की बाद रामलला का दर्शन करने बंदर गर्भ गृह तक गया था. जिसकी सूचना राम मंदिर ट्रस्ट ने भी दी थी. माना जाता है कि भगवान राम जब लंका विजय करके अयोध्या लौटे थे तब वानर सेना भी उन्हीं के साथ अयोध्या आई थी. इन्हें हनुमान जी का प्रतीक भी माना जाता है.