राजस्व कर्मियों द्वारा एक गरीब किसान को मृतक दिखाकर उसकी जमीन को दूसरे के नाम कर दिया
1 min read“साहब मैं जिन्दा हूं, मुझे मृतक दिखाकर मेरी जमीन दूसरे के नाम कर दी गई”
रिश्तेदार की जमानत के लिए खतौनी की नकल निकलवाने गया तो खुली पोल।
मिल्कीपुर, अयोध्या
मिल्कीपुर तहसील क्षेत्र के घुरेहटा गांव में राजस्व कर्मियों द्वारा एक गरीब किसान को मृतक दिखाकर उसकी जमीन को दूसरे के नाम कर दिया गया है। हालांकि मिल्कीपुर तहसील में राजस्व कर्मियों की ओर से लगातार कोई न कोई गड़बड़झाला होता रहता है लेकिन जीवित कृषक को मृतक दिखाकर उसकी कृषि की जमीन को दूसरे के नाम इंद्राज करके बड़ा खेल खेला गया है। यह मामला सामने आने के बाद लोगों को अब अपनी खतौनी की चिंता होने लगी है। गरीब, दलित परिवार के मुखिया को मृतक दिखाकर उसकी जमीन पर फर्जी वरासत दर्ज करने की जानकारी के बाद पीड़ित किसान ने जिलाधिकारी से मामले की शिकायत की है।
बताया गया कि मिल्कीपुर तहसील के ग्राम घुरेहटा निवासी राजित राम पुत्र बाबूलाल गांव में गाटा संख्या 2614 का खातेदार था। जिसमें उसे मृतक दिखाकर उसकी जमीन मूरत और रामसूरत पुत्रगण बाबूलाल निवासी सिंधौना के नाम दर्ज कर दी गई है। इसका खुलासा तब हुआ, जब राजित राम अपने रिश्तेदार की जमानत लेने के लिए अपनी खतौनी की नकल निकलवाने के लिए कचहरी में गया। पीड़ित राजित राम ने बताया कि जब उसने अपनी खतौनी निकलवाई तो उसकी खतौनी पर उसका नाम कट कर दूसरे लोगों का नाम दर्ज था। इसे देखते ही किसान रोने चिल्लाने लगा। हालांकि वकीलों ने समझा बूझकर उसे घर भेजा और कहा कि अपनी तहसील में जाकर खतौनी के बारे में पता लगा लो कि यह सब कैसे हुआ। राजित राम ने बताया कि जब वह मिल्कीपुर तहसील गया तो वहां बताया गया कि आप जिंदा जरूर हो, लेकिन इसके लिए अब आपको मुकदमा दायर करना पड़ेगा और जब वह मुकदमा दायर करने के लिए वकील के पास पहुंचा तो उसे पता चला कि इसमें वर्षों का समय लग सकता है और यह भी बताया गया कि तीस चालीस हजार रुपए भी लगेंगे। इसके बाद किसान के पैर के नीचे की जमीन खिसक गई। फिलहाल चार छह दिन इधर-उधर रोने धोने के बाद वह जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचा और जनता दरबार में बैठे एडीएम को अपना दर्द सुनाया। इसके बाद एडीएम ने उसकी शिकायत को जनसुनवाई के तहत संदर्भ संख्या- 20017724002368 पर दर्ज करवा कर उसे आश्वासन दिया कि उसकी खतौनी जांच पड़ताल करने के बाद उसके नाम कर दी जाएगी। एडीएम ने यह भी कहा कि जिस भी राजस्व कर्मचारी ने इस तरह की गड़बड़ी की है, जांच करवा कर उसके खिलाफ गंभीर कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल योगी सरकार में किसी गरीब की जमीन को हड़पने के लिए इतनी बड़ी साजिश करना काफी हिम्मत का कार्य है। अब देखना होगा कि गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है।
बताया गया कि मिल्कीपुर तहसील के ग्राम घुरेहटा निवासी राजित राम पुत्र बाबूलाल गांव में गाटा संख्या 2614 का खातेदार था। जिसमें उसे मृतक दिखाकर उसकी जमीन मूरत और रामसूरत पुत्रगण बाबूलाल निवासी सिंधौना के नाम दर्ज कर दी गई है। इसका खुलासा तब हुआ, जब राजित राम अपने रिश्तेदार की जमानत लेने के लिए अपनी खतौनी की नकल निकलवाने के लिए कचहरी में गया। पीड़ित राजित राम ने बताया कि जब उसने अपनी खतौनी निकलवाई तो उसकी खतौनी पर उसका नाम कट कर दूसरे लोगों का नाम दर्ज था। इसे देखते ही किसान रोने चिल्लाने लगा। हालांकि वकीलों ने समझा बूझकर उसे घर भेजा और कहा कि अपनी तहसील में जाकर खतौनी के बारे में पता लगा लो कि यह सब कैसे हुआ। राजित राम ने बताया कि जब वह मिल्कीपुर तहसील गया तो वहां बताया गया कि आप जिंदा जरूर हो, लेकिन इसके लिए अब आपको मुकदमा दायर करना पड़ेगा और जब वह मुकदमा दायर करने के लिए वकील के पास पहुंचा तो उसे पता चला कि इसमें वर्षों का समय लग सकता है और यह भी बताया गया कि तीस चालीस हजार रुपए भी लगेंगे। इसके बाद किसान के पैर के नीचे की जमीन खिसक गई। फिलहाल चार छह दिन इधर-उधर रोने धोने के बाद वह जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचा और जनता दरबार में बैठे एडीएम को अपना दर्द सुनाया। इसके बाद एडीएम ने उसकी शिकायत को जनसुनवाई के तहत संदर्भ संख्या- 20017724002368 पर दर्ज करवा कर उसे आश्वासन दिया कि उसकी खतौनी जांच पड़ताल करने के बाद उसके नाम कर दी जाएगी। एडीएम ने यह भी कहा कि जिस भी राजस्व कर्मचारी ने इस तरह की गड़बड़ी की है, जांच करवा कर उसके खिलाफ गंभीर कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल योगी सरकार में किसी गरीब की जमीन को हड़पने के लिए इतनी बड़ी साजिश करना काफी हिम्मत का कार्य है। अब देखना होगा कि गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है।