ड्राइवर के लिए लाये गए नये कानून को लेकर जगह – जगह पर हो रहा विरोध प्रदर्शन अनिश्चितकालीन हड़ताल
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लखनऊ
इंडियन आयल एलपीजी प्लांट अमौसी ड्राइवर ने किया प्रदर्शन जताया विरोध
बताते चलें कि गृहमंत्री के द्वारा ड्राइवर के लिए लाये गए नये कानून को लेकर सभी ड्राइवर में भारी आक्रोश देखने को मिला । सभी चालक व परिचालक आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल कर जताएंगे विरोध क्योंकि भारत सरकार द्वारा मोटर एक्ट का बना बनाया गया नया नियम व कानून एक्सीडेंट में किसी की मृत्यु हो जाने पर निर्धारित राशि 7 लख रुपए मुआवजे के रूप में नहीं तो 10 साल की सजा का नियम लगाया है जो कि इतनी तो ड्राइवर का कहना है कि हमारा वेतन भी नहीं है जो कि हम सब लोग कहां से इस मुहावरे को भरेंगे हम सभी चालक परिचालक का वेतन अधिक से अधिक 10 से 15000 रुपए मिल रही है इतने में हमारे परिवार का भरण पोषण भी ठीक से नहीं हो पा रहा है ऐसी दशा में हम 7 लख रुपए का मुआवजा कहां से दे पाएंगे यदि हम लोग जेल चले जाएंगे तो हमारे परिवार का संचालन करने की जिम्मेदारी कौन लेगा उसे दशा में हमारा परिवार एक-एक रोटी के लिए मोहताज हो जाएगा इसलिए हम सभी चालक व परिचालक आपस में सलाह करके कार्य को हड़ताल कर रहे हैं जब तक इस नियम का कोई हल आगे नहीं निकाला जाता है तब तक के लिए कार्य को स्थगित किया जाएगा वहीं पर सरकार से अनुरोध किया कि सभी मोटर ड्राइवर के लिए कम से कम 40 से ₹50000 सैलारी की भी मांग की और 12 से घंटे से अधिक गाड़ी न चलने की बात कही ड्राइवर की सुरक्षा एवं उनके परिवार की सुरक्षा को लेकर भी मांग किया।
वहीं पर ड्राइवर का कहना है कि मालिकों के द्वारा ना तो शुद्ध रूप से सैलरी दी जाती है ना ही उनके रहने खाने और उठने बैठने का कोई भी प्रावधान भी नहीं है रात दिन मेहनत करके ड्राइवर के द्वारा आयात निर्यात पूरे देश में किया जा रहा है जो की ड्राइवर के बीवी और बच्चों से लेकर माता-पिता तक आज तक कोई कानून नहीं बनाया गया ना ही ड्राइवर को लेकर कोई सुरक्षा दी गई।
ड्राइवर रात दिन मेहनत करके अपना जीवनयापन और अपने परिवार का पालन पोषण करता है ।
वहीं पर गृहमंत्री अमित शाह जी के द्वारा ले गए नए कानून का लोगों ने जगह-जगह पर विरोध किया जा रहा है।
ड्राइवर का कहना है कि कोई भी इंसान हादसे का दावत नहीं देता है। दूसरे की गलती भी अपने ऊपर ढक जाती है जो की ड्राइवर के ऊपर लाये गए कानून को वापस लिया जाए और ड्राइवर को कुछ भी हो जाता है तो सरकार के द्वारा उसके परिवार को पालन पोषण हेतु सुविधा व अन्य व्यवस्थाएं दी जाएं ।