किशोरी से गैंगरेप एवं उसकी अश्लील फोटो व वीडियो बनाने के दोषी कोर्ट ने सुनाई 20- 20 वर्ष के कठोर कारावास एवं 2.02 लाख रुपये अर्थदंड
1 min readसुलतानपुर

विशेष न्यायाधीश पवन कुमार शर्मा की अदालत ने 15 वर्षीय किशोरी से गैंगरेप एवं उसकी अश्लील फोटो व वीडियो बनाने के दोषी बृजेश कनौजिया एवं सह आरोपी विकास कोरी को सुनाई 20- 20 वर्ष के कठोर कारावास एवं 2.02 लाख रुपये अर्थदंड की सजा
शौच के लिए निकली किशोरी को जबरदस्ती पकड़कर उसके मुंह मे कपड़ा ठूंस देने एवं उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म कर अश्लील वीडियो व फोटो बनाने के दोनो दोषियों की सजा पर स्पेशल कोर्ट का आज आया फैसला,कुड़वार थाना क्षेत्र स्थित सरकौड़ा गांव के रहने वाले है दोनों दोषी
पीड़िता के दादा ने कुड़वार थाने में 15 अगस्त 2022 की घटना बताते हुए बृजेश कनौजिया एवं विकास कोरी के खिलाफ घटना के करीब 10 दिन बाद दर्ज कराया था मुकदमा,बीते वर्ष जिस समय देश आजादी का मना रहा था जश्न उसी समय हबसी युवकों ने पीड़िता किशोरी की लूटी थी अस्मत,बलात्कार की वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों आरोपियों के जरिये बनाई गई अश्लील फोटो व वीडियो वायरल कर देने एवं आरोपियों की धमकी के डर से पीड़ित पक्ष के जरिये मुकदमा दर्ज कराने में हुई थी देरी
उपलब्ध साक्ष्यो के आधार पर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर भेजा गया था जेल,अपराध की गम्भीरता की वजह से केस में नहीं मिल सकी बृजेश व विकास को बेल और पूरा हो गया ट्रायल,नाबालिग की इज्जत से खेलने वाले दोनों युवको की जेल की सलाखों के पीछे कट रही जिंदगी,मिली बड़ी सबक
*स्पेशल जज पवन कुमार शर्मा की अदालत में चला मामले का ट्रायल,बचाव पक्ष ने अपने तर्को को रखकर फर्जी तरीके से फंसाने की बात को बनाया था आधार,वहीं अभियोजन पक्ष से पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक सीएल द्विवेदी ने कड़ी मेहनत कर अपने साक्ष्यों व तर्को को पेश कर जोड़ दी घटना की कड़ी से कड़ी,अभियोजन पक्ष ने बृजेश व विकास को दोषी बताते हुए कोर्ट से की थी कड़ी सजा से दण्डित किये की मांग,घटना को साबित करने में अभियोजन पक्ष रहा सफल,कोर्ट की सक्रियता से महज 14 माह 12 दिन मे केस का विचारण हुआ पूरा,पीड़ित पक्ष को मिला न्याय और यौन अपराधियो को मिला करनी का फल,स्पेशल जज पवन कुमार शर्मा की सक्रियता से जिले के यौन अपराधियो में है दहशत,उनकी तैनाती के बाद से सैकड़ो दोषियों को मिल चुकी है करनी की सजा एवं कई निर्दोष भी हो चुके है बरी,कोर्ट की सख्ती से असल अपराधियो एवं लापरवाह पुलिस अधिकारियो में रहता है कोर्ट की कार्यवाही का खौफ।