विद्यार्थी परिषद का हर कार्यकर्ता मां भारती का सेवक, परिषद ने देश को दिया है नेतृत्व – शशांक मणि
1 min read- बुधवार को आज के परिवेश में छात्र संघ की भूमिका विषय पर आयोजित हुई युवा संगोष्ठी
देवरिया।
बलिया के परेड ग्राउंड में यदि शहीद मंगल पांडेय ने गोली चलाई इसलिए हम आजाद हैं। पूर्वांचल ने देश को कई स्वतंत्रता सेनानी दिए हैं। इतिहास गवाह है जब-जब देश में संकट आया, पूर्वांचल ने अपने लाल राष्ट्र को समर्पित किया। आज इन्ही कार्यों से प्रेरित होकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मां भारती की सेवा कर रही है, परिषद से निकले नेता ही आज भारत सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं। बुधवार को सबके प्रयास से सबका विकास कार्यालय में आयोजित युवा संगोष्ठी को संबोधित करते हुए यह बातें मुख्य अतिथि शशांक मणि ने कही। उन्होंने आगे कहा कि एक छात्र नेता समाधान की राजनीति करता है, विद्यार्थी जीवन से ही उन्हें यह सीख मिलती है।
गोष्ठी में देवरिया के छात्र नेता सम्मिलित हुए, कार्यक्रम का संचालन शुभम नाथ त्रिपाठी ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से बालमुकुंद मिश्रा, करन त्रिपाठी, अंगद यादव, सुजल श्रीवास्तव, रत्नाकर सिंह, अतुल शर्मा, विवेक मिश्रा, मयंक उपाध्याय,प्रिंस चौबे, इशु त्रिपाठी और रूपेश सिंह, चंकी पांडेय, ऋषि तिवारी सहित देवरिया के सैकड़ो युवा उपस्थित थे।
समाज की हर बुराई का समाधान है छात्र – विजय शुक्ला
युवा संगोष्ठी को संबोधित करते हुए छात्र नेता विजय शुक्ला ने कहा कि छात्र नेता ही एक ऐसा नेता होता है कि समाज में फैली हर बुराई का नाश बिना किसी भेदभाव के कर सकता है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शशांक मणि आप सबको सशक्त करने का संकल्प लिए हुए हैं, इनके दिखाए मार्ग पर युवा चलें।
आज के युवा शशांक मणि की तरह जमीनी लड़ाई लड़ें – राधेश्याम शुक्ला
छात्र नेता राधेश्याम शुक्ला ने कहा कि युवाओं को आज जमीनी लड़ाई लड़ने की जरूरत है, सोशल मीडिया के माध्यम से बात रखें लेकिन जमीन पर भी उतरें। शशांक मणि जैसे इमानदार नेताओं को अपना आदर्श बनाकर अपनी राजनीतिक यात्रा आज के युवाओं को आगे बढ़ाना चाहिए।
शशांक मणि की वजह से मेरा जीवन बदला – आदित्यनाथ
कार्यक्रम में आए युवाओं में इंजीनियरिंग के छात्र आदित्यनाथ मिश्रा ने कहा कि आज भारत युवाओं का देश है, हमें अपनी शक्ति पहचानने की आवश्यकता है। मैंने शशांक मणि के विजन और मिशन को समझा और उनके सुझाव पर चला। मैं आज आप सबसे यह कह सकता हूं कि मेरा जीवन आज बदल गया है। गोष्ठी में आए छात्र अतुल ने कहा कि सिर्फ चुनाव लड़ना उद्देश्य नहीं होना चाहिए, जनमानस की समस्याओं का समाधान जरूरी है।