दूकानदार से रंगदारी मांगने के मामले में ड्राइबर गिरफ्तार
1 min readदूकानदार से रंगदारी मामले में ड्राइबर गिरफ्तार
अयोध्या।
गोसाईंगंज कस्बे के दवा ब्यवसाई से दस लाख की रंगदारी मांगने के मामले में पुलिस अभी तक सीसीटीवी फुटेज के आधार पर केवल पत्र लाने वाले ड्राइवर को ही पकड़ सकी है,जबकि मामले का असली मास्टर माइंड कौन है उसका कोई सुराग नही लगा सकी है।वंही पुलिस का दावा है कि अति शीघ्र मामले की तह तक जाकर वर्कआउट कर दिया जाएगा।शनिवार को सीओ सदर एस के गौतम और एसपीआरए शैलेश सोनकर एसओजी टीम के साथ पहुंचे और पीड़ित ब्यापारी से मिलकर मामले की पूँछताछ किया और हरसम्भव मदद व सुरक्षा का आश्वासन देते हुए पीड़ित के आवास पर दो पुलिस के जवान की ड्यूटी भी लगा दी। सीओ सदर के मुताबिक पुलिस हर ऐंगल पर पड़ताल कर रही है। ड्राइवर से भी कड़ी पूँछताछ जारी है। शीघ्र ही मामले का असली मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया जायेगा। मालूम हो कि गुरुवार की शाम को अम्बेडकरनगर से गोसाईंगंज आ रहे एक टैक्सी चालक को यादव नगर के मुख्य मार्ग पर रोककर एक सील बन्द लिफाफा और दस रुपये देते हुए गोसाईगंज कस्बे के श्याम मेडिकल स्टोर पर पहुंचाने को कहा। मेडिकल स्टोर के संचालक हरिओम गुप्ता ने जब टैक्सी ड्राइवर द्वारा दिये गए लिफाफा खोल कर देखा तो उनके होश उड़ गए। लिफाफे में मौजूद पत्र के मुताबिक “न्यू श्याम मेडिकल एजेंसी गोसाईगंज अयोध्या(फैजाबाद) सबसे पहले तुमको यह सूचित करना है कि यह पत्र फिरौती के लिए लिखा गया है और फिरौती की रकम है दस लाख रुपया।पिछले दस सालों से तुम लोगो ने जिस तरह से रुपया कमाया है उस हिसाब से तुम्हारे पास धन की कोई कमी नही है।धन तो आता जाता रहता है लेकिन लोग जाने के बाद फिर वापस नही आते है,मतलब तो तुम समझ ही गए होंगे।अब रहा हम लोगो का परिचय हम लोग कौन है,कंहा के है,नाम क्या क्या है यह सब जानने की तुम्हे जरूरत नही है और मुझे तुम्हे बताने की भी जरूरत नही है।तुम को अगर कुछ जानने की जरूरत है तो यह कि हम लोग क्या क्या कर सकते है और यह जानना तुम को बहुत जरूरी है।अगर रकम देने से इंकार या कोई चालाकी करते हो तो तुम्हारे ऊपर क्या क्या हो सकता है जान लो 1-इन्कम टैक्स डिपार्टमेंट2-सेलटैक्स डिपार्टमेंट3-नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो4-ड्रग इंस्पेक्टर मेन लखनऊ5-डायरेक्टर आफ इनफार्मेशन(ईडी) इन सभी डिपार्टमेंट का छापा तुम्हारे स्टोर व घर पर होगा।इन सभी परेशानियों से पार होने के बाद तुन्हें व तुम्हारे परिवार(तुम दो भाई व तुम्हारे पिता)को गोली मार दिया जायेगा और बचे हुए लोगो को गम व शोक मनाने के लिए छोड़ दिया जाएगा।इस पत्र को पाकर घबरा मत जाना संयम से काम लेना,नही तो घबरा कर इस खेल में पुलिस को शामिल कर लो।क्योंकि इसमें पुलिस तुम्हारी कोई मदद नही कर सकती है।अगर तुमने ऐसा(पुलिस को बताया)किया तो हम लोगो से कोई मदद व रहम की उम्मीद ना रखना और फिर शुरू होगा असली खेल।यह कोई मजाक नही है,ऐसी भूल भूलकर भी मत करना।क्योकि हमलोग माफी और दूसरा मौक़ा किसी को नही देते है।इसका मतलब यही है कि यह तुम्हारा पहला और आखरी मौका है।देखो किसी को भी जान से मारना सबसे आसान काम होता है।तुमको याद दिलाता चलू कि अभी कुछ दिन के पहले की ही घटना है दिल्ली हाईकोर्ट में पूरी सुरक्षा के बीच जज के सामने गवाह को गोली मार दी गयी फिर ये तो यूपी है और यंहा कुछ भी हो सकता है। आगे तुम खुद ही समझदार हो। वैसे आपके लिए ये रकम बहुत ही छोटी बात है,तुम अच्छे से सोच विचार कर सकते हो कि तुम्हारे लिए क्या सही है क्या गलत,इसके लिए तुमको 3घण्टे का समय दिया जाता है। हम लोगो को कोई जल्दी नही है आराम से सोच विचार कर लो।इस पत्र के3घण्टे के बाद फोन जाएगा,तुम्हे अपना जबाव तैयार रखना होगा,जबाव कुछ भी हो हाँ नही जो तुम्हारी मर्जी,हम सब दोनो जबाव के लिए तैयार बैठे है।फोन बात करने के लिए नही सिर्फ जबाव सुनने के लिए जाएगा। जबाव सुनने के बाद तय होगा कि बात करनी है या खेल करना है। तुम्हारा दुश्मन लेकिन दोस्त बना सकते हों ये तुम्हारे ऊपर निर्भर करता है।“ दूकानदार ने मामले की जानकारी इलाकाई पुलिस को दिया।सूचना पर पहुंची पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज को खंगाल कर पड़ताल में जुट गई।शुक्रवार को पुलिस ने पीड़ित की तहरीर पर मु0अ0स056/22धारा596 तहत केस दर्जकर विवेचना कस्बा इंचार्ज अर्जुन यादव को सौंपी है।