उपजिलाधिकारी के पत्र जारी करने के बाद भी बैठक में नहीं पहुंचे चकबंदी अधिकारी,बैठक स्थगित
1 min readउपजिलाधिकारी के पत्र जारी करने के बाद भी बैठक में नहीं पहुंचे चकबंदी अधिकारी,बैठक स्थगित
ग्राम पहाड़ापुर में चकबंदी निरस्त करने के संबंध में आयोजित बैठक में अधिकारियों के ना आने से ग्रामीणों में आक्रोश, आगामी 27 मार्च को होगी पुनः बैठक
कर्नलगंज, गोण्डा।
तहसील क्षेत्र के विकास खण्ड हलधरमऊ अन्तर्गत ग्राम पहाड़ापुर में बीते कई वर्षों से चल रही चकबंदी प्रक्रिया को निरस्त करने की मांग लगभग तीन वर्ष से ग्रामीण करते चले आ रहे हैं।जिसके संबंध में अधिकारी ग्रामीणों के साथ कई बार बैठक भी कर चुके हैं,लेकिन निजी स्वार्थ को लेकर संबंधित विभाग के अधिकारी कोई कार्यवाही करना नही चाहते हैं। वहीं ग्रामीणों के विरोध करने के बाद भी विभाग नहीं चेत रहा है। मामला तहसील क्षेत्र कर्नलगंज के ग्राम पंचायत पहाड़ापुर का है। ग्राम पंचायत में चकबन्दी प्रक्रिया करीब आठ वर्ष से प्रभावी है। जहां दिनाँक 6 जून 2015 को चकबन्दी प्रक्रिया की धारा चार का प्रकाशन हुआ था। जिसके क्रम में ग्रामीणों के विरोध करने के बाद भी चकबन्दी का निरस्तीकरण नही किया जा रहा है। कई बार उक्त ग्राम पंचायत में चकबन्दी की निरस्तीकरण हेतु खुली बैठक भी हुई लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात वाला ही रहा। बीते 15 मार्च को उपजिलाधिकारी कार्यालय से चकबन्दी विभाग के अधिकारी को संबोधित एक पत्र जारी कर कहा गया कि ग्राम पहाड़ापुर तहसील कर्नलगंज की चकबन्दी प्रक्रिया निरस्त किये जाने विषयक प्रकरण के निस्तारण हेतु खुली बैठक की तिथि नियत करने की अपेक्षा की गई है। प्रश्नगत प्रकरण में ग्राम सभा की खुली बैठक हेतु दिनाँक 21.3.2022 की तिथि नियत की गई है। अतः उक्त नियत तिथि को चकबन्दी कर्मचारी के साथ उपस्थित होने का कष्ट करें जिससे अग्रिम कार्यवाही की जा सके। उपजिलाधिकारी का पत्र जारी होते ही उक्त ग्राम पंचायत में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। वहीं चकबन्दी का विरोध कर रहे अधिकतर ग्रामीण काफी खुश नजर आए। डुग्गी मुनादी कर ग्रामीणों को सूचना दी गई कि 21 मार्च को जूनियर हाईस्कूलों के प्रांगण में चकबन्दी की निरस्तीकरण हेतु खुली बैठक में अधिक से अधिक संख्या में भाग लें। 21 मार्च को सुबह से ही ग्रामीण विद्यालय में इकट्ठा होने लगे। उपजिलाधिकारी भी अपने अमले के साथ खुली बैठक में समय से उपस्थित हुए। उधर चकबन्दी विभाग से सिर्फ कानूनगो व लेखपाल खुली बैठक में उपस्थित हुए जिससे चकबन्दी निरस्तीकरण की कार्यवाही पूर्ण नही की जा सकी। धूप में इकट्ठा हुए आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा कि लगभग आठ वर्ष से चकबन्दी वालों ने हमे इसी तरह से परेशान कर रखा है। ग्रामीणों को शांत करते हुए उपजिलाधिकारी ने कहा कि आप लोग परेशान न हों चकबन्दी के निरस्तीकरण हेतु आगामी 27 मार्च को पुनः खुली बैठक की जाएगी। बताते चले कि यहां परिषदीय स्कूल से सटी ग्राम समाज की बेशकीमती सरकारी भूमि को एक व्यक्ति ने कब्जा करके बाउंड्रीवाल भी बनवा लिया है। जिसके पक्ष में सरकारी मशीनरी कार्य कर रही है। अधिकारी निजी स्वार्थ को लेकर स्कूल/जनता के हितों को नजर अंदाज कर रहे हैं। उक्त संबंध में जानकारी करने पर एसीओ चकबन्दी दीनानाथ वर्मा ने बताया कि बैठक की पहले से कोई सूचना नही थी,जिसकी वजह से बैठक में शामिल नही हो सके। उन्होंने बताया कि सरकारी भूमि पर अवैध तरीके से कराये गये निर्माण को गिरवाया जायेगा। वहीं उपजिलाधिकारी हीरालाल ने बताया कि आयोजित बैठक में चकबंदी विभाग के जिम्मेदार अधिकारी उपस्थित नहीं हुए जिसकी वजह से उपरोक्त बैठक को निरस्त करना पड़ा। उन्होंने बताया कि आगामी रविवार को पुनः बैठक की तिथि नियत की गई है। जिसमे सम्पूर्ण अभिलेख के साथ जिम्मेदार अधिकारियों, कर्मचारियों को उपस्थित होने को कहा गया है।