श्रीमदभागवत कथा के आयोजन से पूर्व भव्य कलश यात्रा
1 min read108 महिलाओं ने निकाली कलश यात्रा
दुबेपुर ब्लॉक के अमिलिया कला गांव में रविवार को श्रीमदभागवत कथा के आयोजन से पूर्व भव्य कलश यात्रा निकाली गई।
कलश यात्रा का स्वागत, श्रीमद्भागवत कथा का शुभांरभ
सुलतानपुर
दुबेपुर ब्लॉक के अमिलिया कला गांव में रविवार को श्रीमदभागवत कथा के आयोजन से पूर्व भव्य कलश यात्रा निकाली गई। यात्रा का जगह-जगह स्वागत किया गया। सर पर कलश रखकर महिलाओं ने श्रीमद् भागवत कथा अस्थल से शुरुआत करते हुए ग्राम सभा अमिलिया कला के विभिन्न स्थानों से होते हुए, गांव की छोर पर ही स्थित गोमती तट पर पहुंचकर अपने-अपने कलश में जल भर कर पुनः अपने सर पर रखते हुए यात्रा कार्यक्रम स्थल शिशिर कुमार शर्मा एवं श्रीमती अनिता शर्मा मुख्य यजमान के निज निवास पहुंच कर संपन्न हुई। तत्पश्चात विधिवत पूजन के साथ कक्षा का शुभारंभ हुआ।
श्रीमद् भागवत कथा आरंभ होने से पूर्व कलश यात्रा निकाली गई, जिसमें महिलाएं भक्ति गीतों को गुनगुनातीं हुए सिर पर कलश रखकर शामिल हुईं। कलश यात्रा कथा स्थल पंडाल में पहुंचकर संपन्न हुई। यात्रा का कई जगह स्वागत किया गया। यात्रा के समापन के बाद विधिवत पूजन के साथ कथा प्रारंभ की गई। कथा व्यास पंडित श्री ज्ञानी महाराज अयोध्या ने कहा कि भागवत केवल एक पुस्तक ही नहीं है, अपितु साक्षात भगवान श्रीकृष्ण का ही स्वरूप है। यह बात स्वयं नारायण भगवान भागवत के 11 वें स्कंद में स्वीकार करते है। श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करने से कलियुग में सभी प्रकार के कष्टों का नाश होता है। वहीं पितरों को मुक्ति भी मिलती है। तत्पश्चात कलश यात्रा में 108 महिलाओं सहित बच्चे, बुजुर्गों एवं सैकड़ों की तादात में भक्तजनों ने भव्य कलश यात्रा में शामिल होकर श्रीमद् भागवत कथा का आनंद प्राप्त किया।