पूर्वांचल की सीटें हारने का सटीक सर्वे अवध स्पीड न्यूज के माध्यम
1 min readअयोध्या
लोकसभा 54 सीट व पूर्वांचल की सीटें हारने का सटीक सर्वे अवध स्पीड न्यूज के माध्यम से
लोकसभा 54 सीट हारने का कारण स्वयं लल्लू सिंह ही है।
जैसे भरे मंच से कहा 275 सीट के ऊपर यदि भारतीय जनता पार्टी को मिलता है तो संविधान में भी संशोधन कर बड़ा फैसला ले सकती है भारतीय जनता पार्टी लल्लू सिंह के लिए
जोकि विपक्ष के लिए एक कारगर टॉनिक का काम किया जिससे संविधान खतरे में व आरक्षण जैसे मुद्दे पर सरकार को घेरना शुरू कर दिया विपक्षी पार्टियों ने
जिसका पूरा असर निम्न वर्ग कि वोटरों पर पड़ा साथ – साथ आवारा गोवंशों का कहर जिसमें सीधा-सीधा सरकार फेल होती नजर आई, साथ ही हैदरगंज क्षेत्र में हुए गौवंश संघार के मामले में साधी चुप्पी वहीं पेपर लीक का मामला वही चुनावी मंच के दौरान शिक्षकों की मांग पर पर सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा भरे मंच से शिक्षक भर्ती का पोस्टर लेकर खड़े युवक पर बिगड़े बोल
यही ही नहीं माननीय सांसद के द्वारा अपनी गोद ली हुई ग्राम पंचायत सिंधौरा हैरिग्टनगंज की हकीकत से भी अंदाजा लगाया जा सकता है, कि सालों साल बीत गए कभी अपनी गोद ली हुई ग्राम पंचायत में नहीं गए और ना ही अन्य क्षेत्रों का दौरा किया भोली भाली जनता का दुख दर्द भी नहीं जाना अग्नि पीड़ित की भी नहीं ली सुध आम जनता रही परेशान
यदि ग्रामीण क्षेत्रों की चर्चा की जाए तो लोगों का कहना है कि बहुत दिन हो गए सांसद जी तो नजर नहीं आए क्या करेंगे विकास
संसद के द्वारा कभी आवारा पशुओं के मुद्दे पर भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया ना ही किसी गौशाला पर आर्थिक धनराशि की मदद भी नहीं की गई
रही बात अयोध्या की नगर निगम के द्वारा गरीबों की प्रताड़ना घर से हुए बेघर अयोध्या से सटे हुए ग्रामीण क्षेत्रों में जबरियन जमीन अधिग्रहण के भी मामले से भी लोग बाग नाराज, वहीं पर अधिकारीयों की प्रताड़ना जोरों पर नहीं होती कहीं सुनवाई उच्च अधिकारियों से लेकर निचले स्तर के अधिकारी भी शामिल रहे।
पहले जिन ग्रामीणों को अयोध्या जाने में चंद मिनट लगते थे आज उन्हें जाने में घंटो भर परिश्रम करना पड़ रहा ग्रामीणों स्तर की हकीकत जाना है तो ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर देखें सभी सत्ता के मद में चूर हो गए।
यही ही नहीं माननीय सांसद के आचरण की बात करें तो बाबूजी के तीन बंदर की तरह ही नजर आते हैं।
2019 में जब सांसद दोबारा चुने गए तो माननीय मोदी जी के नाम पर जीत दर्ज करने में रहे कामयाब लेकिन 2019 में भी लल्लू सिंह का भी विरोध था लेकिन चंद चाटुकार पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ता व नेताओं ने सिर्फ हवा देने का काम किया
वही बात करें तो जैसे कि कहा जाता है कि लोकसभा से ही विधानसभा क्लियर होती है सांसद लल्लू सिंह 2019 में सांसद बने तो 22 में हुए विधानसभा चुनाव में अपने ही विधायकों के प्रति बड़ी ही खींचतान की थी, जिसका भी खामियाजा लल्लू सिंह को भुगतना पड़ा है।
साथ साथ विधान परिषद के चुनाव से जुड़े अभय सिंह अपने पिता भगवान बक्स सिंह व पत्नी सरिता सिंह को तो भाजपा पार्टी की सदस्यता दिलाने में रहे कामयाब पर दूर से ही भगवा में नजर आए लेकिन किसी मंच को साझा नहीं किया पर शक्ति प्रदर्शन के लिए दो सभाओं का आयोजन किया गया जबकि दोनों सभाएं भगवा मय रही
लेकिन वही पार्टी के पूर्व विधायक इंद्र प्रताप खब्बू तिवारी की पत्नी आरती तिवारी 2022 के विधानसभा गोसाईगंज से चुनाव मैदान में थी जिसमें भी लल्लू सिंह के द्वारा दूरियां बनाई गई थी
लेकिन आज बात करें तो इंद्र प्रताप खब्बू तिवारी व बाबा गोरखनाथ अपने परिश्रम के मौजूद कुछ वजह से अपनी विधानसभा सीट से हार गए थे लेकिन कुछ अपनी ग़लतीयो का एहसास करते हुए लोकसभा में बाबा गोरखनाथ व इंद्र प्रताप तिवारी के बल पर लल्लू सिंह सम्मानजनक स्थिति में रहे ।।
आज जो अयोध्या के प्रति तरह-तरह की कमेंट चाहे वह फेसबुक इंस्टाग्राम हो या व्हाट्सएप के माध्यम से अयोध्या वासियों को धिक्कार बताया जा रहा है लेकिन सबसे बड़ा सवाल ऐसे नेता को भारतीय जनता पार्टी ने क्यों दिया टिकट तीसरी बार सबसे बड सवाल
भारतीय जनता पार्टी को विचार करना चाहिए लेकिन भारतीय जनता पार्टी अजेय अयोध्या के चौमुखी विकास की गंगा बहाने का कार्य किया जिसकी चर्चा आज पूरे हिंदुस्तान में है साथ-साथ सीट हारने से गली व चौराहो पर पसरा सन्नाटा अयोध्या के चंद चाटुकार नेता व चाटुकार कार्यकर्ता साधे चुप्पी।।
सर्वेश पांडेय