September 8, 2024

भारतीय चमार महासभा की एकजुटता बन सकती है राजनीति की एक मजबूत कड़ी

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लोकसभा चुनाव 2024
राजनीतिक पार्टीयों की तकदीर बदल सकता है
भारतीय चमार महासभा की एकजुटता बन सकती है राजनीति की एक मजबूत कड़ी

सुल्तानपुर।

अंबेडकर को अपना आदर्श मानने वाले भारतीय चमार महासभा लगभग पिछले कई वर्षों से समाज से ऊपर उठकर आम जनता के दुख दर्द व उनकी पीड़ा को लेकर के अपार जन सैलाब के साथ जनपद ही नहीं प्रदेश भर के अन्य जिलों में धरना प्रदर्शन व विरोध प्रदर्शन कर न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ता रहा है। अब जब लोकतंत्र मजबूत करने की राजनीति अपने पूरे चरम पर है तो महासभा के दर्जनों कार्यकर्ता अपनी सहभागिता मजबूती से भले ही न दिखा सके, पर यह माना जा रहा है कि भारतीय चमार महासभा अपने समाज की एक मजबूत कड़ी है। जो राजनीतिक पार्टियों द्वारा लोकसभा चुनाव 2024 में मजबूत टक्कर देने वाले के साथ रहकर मरहम की तरह काम करेगी। प्रदेश भर में संगठन को मजबूती दे रहे भारतीय चमार महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय राणा चमार से इस राजनीतिक संदर्भ में चर्चा की गई तो उन्होंने दो तू कहा कि लोकतंत्र की मजबूती ही देश को बचा सकती है देश मजबूत होगा तभी हम सब निचले पायदान के लोग भी मजबूत होंगे। किस राजनीतिक पार्टियों के साथ जाने पर देश को मजबूती मिलेगी वे बताते हैं कि यह सामाजिक संगठन गरीबों के न्याय के लिए लड़ता रहा है। राजनीति में कूदना संगठन का कोई उद्देश्य नहीं है। हां हमारो हजारों हजार कार्यकर्ता इस पर प्रतिदिन वार्ता कर राजनीतिक दल की मजबूती पर चर्चा करते हैं तो मेरा साफ मानना है लोकतंत्र जिला प्रदेश नहीं बल्कि राष्ट्र का चुनाव है जो राष्ट्रहित की बात करेगा यह संगठन पूर्ण रूप से उसके साथ खड़ा रहेगा। पार्टी नेताओं की पीड़ा को भी बताते हुए उन्होंने कहा कि विशेष कर कोई भी पार्टी गरीबों के न्याय की लड़ाई नहीं लड़ता है इसलिए गांव के गरीब लोग नेताओं से हमेशा खफा दिखते हैं।वही कयास लगाया जा रहा है कि बसपा में भी दो फाड़ हो जाने से इसका नुकसान पार्टी को उठाना पड़ेगा। जिले का विशालतम संगठन भारतीय चमार महासभा खासकर किसी एक दल की तरफ गया तो वह पार्टी पूरी तरह मजबूती से चुनाव जीत हासिल करेगी।

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