नौ दिवसीय संगीतमयी श्रीमद् भागवत कथा का भक्तों ने किया श्रवण उमड़ा जनसैलाब
1 min readबीकापुर अयोध्या
जनपद में ग्राम किला सोहावल अयोध्या जी मे संगीत मयी श्रीमद् भागवत कथा में आचार्य श्याम सारथी जी महाराज ने इस मनुष्य शरीर को अयोध्या नगरी कहा उन्होंने बताया की अथर्व वेद में एक मंत्र आता है जिसमें इस मनुष्य शरीर को भी अयोध्या नगरी कहा गया है इस मनुष्य शरीर रूपी अयोध्या नगरी में देवता निवास करते हैं इस शरीर में 8 चक्र और 9 दरवाजे हैं इसलिए अपने मनुष्य शरीर को पावन पवित्र एवं निर्मल रखना चाहिए ताकि इसी मनुष्य शरीर में भगवान का दर्शन जीव प्राप्त कर सकें कथा श्रवण कराते परीक्षित के जन्म कर्म की कथा श्रवण कराते हुए पितामह भीष्म के महाप्रयाण की कथा श्रवण कराई और कुंती बुआ ने भगवान से वरदान स्वरूप दुख मांग करके भगवान की स्मृति सदा सर्वदा बनी रहे यही मंगल कामना की भगवान ने कुंती बुआ से कहा बुआ दुनिया के लोग सुख मांगते हैं धन मांगते हैं संपत्ति मांगते हैं और आप दुख क्यों मांग रही हो तो बुआ ने बड़ा सुंदर उत्तर दिया कुंती कहती हैं कि कृष्ण दुख में सुमिरन सब करे सुख में करे न कोई जो सुख में सुमिरन करें तो दुख काहे को होय दुख में सब सुमिरन करते हैं सुख में नहीं करते अगर संसार का जीव सुख में भी भगवान का स्मरण करने लगे तो दुख दूर चले जाते हैं इसीलिए हमने देखा है जीवन में दुख आता है तो भगवान याद आते हैं इसलिए कृष्ण हम को दुख ही दुख ही हमें प्यारे हैं
कथा में सुनील शास्त्री आदि उपस्थित रहे
कथा के मुख्य यजमान श्री अशोक तिवारी एवं श्रीमती पद्मा तिवारी जी,आयोजक महेश तिवारी अखिलेश तिवारी देवेश तिवारी आदि।