संत भीखा दास तपस्थली के पास ईसा मसीह की मूर्ति स्थापित होने से लोगों ने जताया आक्रोश
1 min readसंत भीखा दास तपस्थली के पास ईसा मसीह की मूर्ति स्थापित होने से लोगों ने जताया आक्रोश
हिंदू आस्था के साथ खिलवाड़ का आरोप
मिल्कीपुर अयोध्या।
मिल्कीपुर क्षेत्र के अमानीगंज विकासखंड अंतर्गत मोहली ग्राम पंचायत स्थित प्रसिद्ध संत बाबा भीखा दास तपस्थली में धार्मिक विवाद गहराने लगा है। इस तपस्थली के समीप स्थित मंदिर प्रांगण में हाल ही में ईसा मसीह की एक मूर्ति स्थापित कर दी गई, जिससे स्थानीय हिंदू समुदाय में भारी आक्रोश व्याप्त है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह कार्य डॉक्टर एनसी तिवारी द्वारा किया गया है। जो ईसा मसीह के प्रचार-प्रसार में लगे हुए हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह कदम हिंदू आस्था के साथ सीधा खिलवाड़ है और उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने की कोशिश की जा रही है।
क्षेत्रीय जनता का कहना है कि संत भीखा दास की तपस्थली हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए एक पवित्र स्थान है, और इस स्थान के समीप किसी अन्य धर्म की मूर्ति स्थापित करना आस्था का हनन है। इस मुद्दे को लेकर ग्रामीणों में गहरी नाराजगी है, और वे इस पर तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।स्थानीय प्रशासन को इस मामले की सूचना दी गई है, और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अधिकारियों को मौके पर भेजा गया है। हालांकि, अभी तक इस मामले में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। हिंदू संगठनों ने भी इस मुद्दे पर विरोध दर्ज कराने की तैयारी शुरू कर दी है।
संत भीखा दास की तपोस्थली के पास डा नकछेद तिवारी द्वारा भूमि खरीद कर उसमें हिन्दू समाज से जुड़े 108 देवी देवताओं व महापुरुषों की मूर्तियां स्थापित कराई है। उसी स्थल पर ईसा मसीह की मूर्ति स्थापित करने को लेकर लोगों ने विरोध प्रारम्भ कर दिया है। इस सम्बन्ध में जब डा नकछेद तिवारी के पुत्र शैलेश तिवारी ने बताया कि मूर्ति चार वर्ष से स्थापित है। अब तक किसी ने कोई विरोध नहीं किया। यदि लोगों का विरोध है तो हम वहां से ईसा मसीह की मूर्ति को हटा देंगे। हमारा कोई उद्देश्य हिन्दू समाज की भावनाओं को आहत करना नहीं है।
