घर-घर खिलाई जाएगी फाइलेरिया रोधी दवा- सीएमओ,10 अगस्त से शुरू होगा सर्वजन दवा सेवन अभियान
1 min readघर-घर खिलाई जाएगी फाइलेरिया रोधी दवा- सीएमओ
10 अगस्त से शुरू होगा सर्वजन दवा सेवन अभियान
मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय सभागार में मीडिया कार्यशाला का हुआ आयोजन
कौशाम्बी
जनपद में 10 अगस्त से मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम (आईडीए) यानि सर्वजन दवा सेवन अभियान शुरू हो रहा है। इस अभियान के तहत स्वास्थ्य टीम घर-घर फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन कराएगी। साथ ही फाइलेरिया बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करेगी। यह कहना है मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ संजय कुमार का।
सीएमओ डॉ0 संजय कुमार गुरूवार को जनपदस्तरीय मीडिया कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। स्वास्थ्य विभाग के तत्वाधान में आयोजित इस कार्यशाला में सीएमओ डॉ0 संजय कुमार ने अभियान में सहयोग के लिए जनसमुदाय से अपील भी की। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ संजय कुमार ने बताया कि फाइलेरिया एक लाइलाज बीमारी है लेकिन इससे बचाव संभव है। साल में सिर्फ एक बार और लगातार पांच साल तक दवा खा लेने से हमें यह बीमारी होने की आशंका न के बराबर होती है। उन्होंने बताया कि इस बीमारी के लक्षण पांच से 15 वर्ष बाद दिखते हैं। यह बीमारी मच्छर के काटने से होती हैं और अमीर, गरीब, बच्चे या बुजुर्ग किसी को भी हो सकती है। इसलिए स्वास्थ्य टीम के सामने ही फाइलेरिया रोधी दवा खाएं और खुद को सुरक्षित रखें। उन्होंने कहा कि 10 अगस्त से शुरू हो रहे फाइलेरिया अभियान में वह स्वयं दवा खायेगे। और उन्होंने पत्रकारों और छायाकारो से भी फाइलेरिया रोधी दवा खाने का आह्वान किया। कार्यक्रम में उपस्थित जिला मलेरिया अधिकारी अनुपमा मिश्रा ने बताया कि जनपद में अब तक फाइलेरिया के 1104 मरीज चिन्हित किये गए है। इसमें 717 लिम्फोडिमा और 387 रोगी हाईड्रोसील के है। जिले कि जनसख्या 13 लाख 35 हजार 649 है । इस बार के सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम में जिले में एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और अति गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को छोड़ कर सभी लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। 1070 टीमों के जरिये बूथ एवं घर-घर जाकर दवा सेवन सुनिश्चित करवाया जाएगा। राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम नोडल अधिकारी डॉ0 राहुल सिंह ने बताया कि फाइलेरिया रोधी दवा स्वास्थ्य टीम के सामने ही खानी है। दवा का वितरण बिल्कुल भी नहीं किया जाएगा। इन दवाओं का सेवन खाली पेट नहीं करना है। एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और अति गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को यह दवा नहीं खिलाई जाएगी। डब्लूएचओ के जोनल को आडिनेटर डॉ0 निशांत ने बताया कि फाइलेरिया रोधी दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं। हालांकि इन दवा का कोई विपरीत प्रभाव नहीं है लेकिन फिर भी किसी को दवा खाने के बाद उल्टी, चक्कर, खुजली या जी मिचलाने जैसे लक्षण होते हैं तो यह इसका प्रतीक हैं कि उस व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया के परजीवी मौजूद हैं, जो कि इन दवाओ के सेवन के उपरांत इन परजीवियों के मरने के कारण उत्पन्न होते हैं। सामान्यतः ये लक्षण स्वतः समाप्त हो जाते है लेकिन ऐसी किसी भी परिस्थिति के लिए प्रशिक्षित रैपिड रिस्पॉन्स टीम तैनात रहेंगी और उन्हें उपचार के लिए तुरंत बुलाया जा है। इस अवसर पर एमओआईसी डाॅ0 मुक्तेश द्विवेदी, एएमओ धीरेन्द्र सिंह एमआई रवि, पीसीआई से बालेन्द्र की टीम मौजूद रही।