मां कामाख्या धाम पुलिस चौकी क्षेत्र के गांव कसारी में मजरे बलऊ का पुरवा में अवैध शराब व अवैध बेकरी का मामला अब होगा गंभीर
1 min readबाबा बाजार थाना क्षेत्र की मां कामाख्या धाम पुलिस चौकी क्षेत्र के गांव कसारी में मजरे बलऊ का पुरवा में अवैध शराब व अवैध बेकरी का मामला अब होगा गंभीर
जिम्मेदार होंगे मां कामाख्या धाम चौकी प्रभारी गोविंद अग्रवाल, शिकायत को नजर अंदाज करना पड़ेगा भारी
अयोध्या।
प्राप्त सूचना के अनुसार बाबा बाजार थाना क्षेत्र के कसारी गांव में मजरे बलऊ का पुरवा में चाचा खेत में अवैध रूप से शराब बनाता व बेचता है तो गांव में भतीजा बिना लाइसेंस बेकरी चलाता है।उसी गांव में अखिल भारतीय पुलिस सहयोग संगठन व एंटीकरप्शन बोर्ड ऑफ इंडिया के संस्थापक/अध्यक्ष भाजपा समर्थक मंच के प्रदेश मंत्री तथा एक अखबार के अयोध्या मंडल प्रभारी डॉ अंशुमान सिंह “गुड्डू” गंभीर बीमारियों से ग्रसित एक महिला का उपचार करते थे इसी बीच चिकित्सक के चरित्र पर अंगुली उठाते हुए बेकरी संचालक भीमसेन मिश्र ने बीमार महिला के साथ अवैध संबंध होने की बात को चरितार्थ कर दिया।गत दो नवंबर को भीमसेन ने चिकित्सक के पास फोन करके कहा कि डॉ साहब आपने मेरे खिलाफ शिकायत किया है इस पर चिकित्सक ने कहा सबूत साथ लाइए और दो घंटे तक चिकित्सक ने भीमसेन का इंतजार किया किंतु ओ चिकित्सक के पास नहीं आया। तो चिकित्सक ने सोचा जब लोग मुझे फर्जी ही बदनाम कर रहे हैं तो क्यों न कुछ कर दिया जाए।इसके बाद चिकित्सक ने ट्वीट कर पुलिस प्रशासन को अवगत कराया। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर स्थानीय मां कामाख्या धाम चौकी की पुलिस बलऊ का पुरवा पहुंची लेकिन मौके पर पहुंचने से पहले ही पुलिस ने किसी को फोन करके कहा ऊपर से दबाव है बचाव की ब्यवस्था करवा दो हम लोग आ रहे हैं। पुलिस जब मौके पर पहुंची तो बेकरी संचालक ने गांव के चंद लोगों के बयान चिकित्सक के विरुद्ध करवा दिया। और पुलिस ने बेकरी के संबंध में जांच करने की जहमत नहीं उठाई और न ही खेत में अवैध शराब का कारोबार करने वाले का पता लगाने की जहमत उठाई। उसके बाद दूसरे दिन मां कामाख्या धाम चौकी प्रभारी गोविंद अग्रवाल ने चिकित्सक को आरक्षी आकाश से फोन कराकर बुलवाया और चिकित्सक से कहा आपकी शिकायत झूंठी है और डॉ साहब आपके ऊपर 188 की कार्यवाही होगी।यही नहीं चौकी प्रभारी ने कहा आप वहां इलाज करने जाते हैं और आपके वहां एक महिला से अवैध संबंध हैं 25 लोगों ने आपके खिलाफ गवाही दिया है।इसके बाद चिकित्सक को गहरा आघात पहुंचा और हार्ट समस्या खड़ी हो गई फिलहाल चिकित्सक अभी निजी उपचार पर है और स्वास्थ्य में सुधार भी हुआ, लेकिन किसी चिकित्सक पर इतना बड़ा झूंठा आरोप चिकित्सक बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है। चौकी प्रभारी ने यह भी कहा कि शराब जहां बनती है मुझे मालूम है अब चौकी प्रभारी की बातों से तो यही स्पष्ट होता है कि चौकी प्रभारी खुद अवैध कार्यों को करवाते हैं।चार नंबर को चिकित्सक ने फिर एक बार ट्वीट कर कहा कि यदि मेरे ऊपर आरोप लगाने वालों पर कार्यवाई नहीं होती तो मैं 20 नवंबर को मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्मदाह करूंगा। ट्वीट के तुरंत बाद तत्कालीन थाना प्रभारी बाबा बाजार का फोन चिकित्सक के पास आया और कार्यवाई का आश्वासन दिया लेकिन एक सप्ताह का समय मांगा दीपावली आदि त्योहारों के कारण और चिकित्सक से ट्वीट डिलीट करने का आग्रह किया इसके बाद चिकित्सक ने ट्वीट डिलीट कर दिया और थानाध्यक्ष को लिखित दो पत्र भेजे एक बेकरी तो दूसरा शराब से संबंधित। किंतु अभी तक कोई कार्यवाई नहीं हुई।मजे की बात तो यह थी कि बेकरी मालिक भीमसेन के इसारे पर गांव वालों ने जब चिकित्सक पर आरोप-प्रत्यारोप लगाया तो पुलिस ने बीमार महिला अथवा उसके पिता/पति से कुछ भी जानकारी लेना उचित नहीं समझा केवल चिकित्सक पर एक अवैध ब्यवसाई के इसारे पर अंगुली उठा दी।आहत चिकित्सक ने बताया 23 नवंबर को मेरी भांजी की शादी है उसके बाद रणनीति तैयार कर एक महा आंदोलन किया जाएगा अवैध कार्यों में चौकी प्रभारी कामाख्या धाम की संलिप्तता जाहिर होती है चौकी प्रभारी व बेकरी संचालक तथा उसके चहेतों ने एक ईमानदार पेशे को बदनाम किया है और मेरे क्लीनिक पर भी इस बात का दुष्प्रभाव पड़ा है डॉ अंशुमान सिंह ने कहा रोगी महिला की स्थिति कैसी है कुछ पता नहीं। इसलिए किसी भी कीमत पर हम चुप नहीं बैठेंगे और चौकी प्रभारी समेत मुझपर आरोप लगाने वालों पर कार्यवाई नहीं हुई तो नारकीय जीवन जीने से बेहतर मौत है और मैंने पहले भी मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्मदाह करने को कहा था और आज भी कहता हूं तारीख बदल सकती है किंतु ऐलान बदलना असंभव है,घुट घुट कर जीने से मरना बेहतर है। अखिल भारतीय पुलिस सहयोग संगठन, एंटीकरप्शन बोर्ड ऑफ इंडिया,भाजपा समर्थक मंच ये मामूली संगठन नहीं हैं इसके अलावा एक चिकित्सक को बदनाम किया गया है तो डॉ अंशुमान सिंह को चिकित्सकों का भी सहयोग मिलेगा इसके बावजूद डॉ अंशुमान सिंह 1999 से पत्रकारिता में भी हैं तो जाहिर सी बात है पत्रकार वंधु भी डॉ अंशुमान सिंह का साथ देंगे। चौकी प्रभारी कामाख्या धाम गोविंद अग्रवाल व उनके हमराहियों की इस बचकानी हरकत ने एक बड़ा बवाल खड़ा कर दिया परिणाम तो भुगतना ही पड़ेगा। क्यों कि डॉ अंशुमान सिंह को फर्जी मुकदमे में फंसाने की साज़िश भी स्थानीय पुलिस व बेकरी तथा अवैध शराब के विक्रेता द्वारा रची जा रही है तो मामला कुछ बड़ा ही होगा। अपराध और अवैध कारोबार क़ बढ़ावा पुलिस ही देती है ये यहां सच साबित हो रहा है। एक चिकित्सक को भगवान का रूप माना जाता है लेकिन यहां उसे एक हैवान बना दिया गया।कितनी बड़ी बिडंबना है।