आई पीसी एल कम्पनी के नाम हुआ टेंडर जबकि सहज नामक कम्पनी को हुआ भुगतान
1 min readगोण्डा।
जिले में जन सेवा केंद्र खोलने के लिए टेंडर वर्ष 2020 में हुआ जिसमें कई कंपनियों ने भाग लिया जिसमें आईपीसीएल व सीएससी को जनसेवा केंद्र खोलने हेतु टेंडर मिला। शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में जनसेवा केंद्र खोलने का टेंडर इन दोनो कंपनी को मिला लेकिन जनपद गोण्डा के विकास खण्ड हलधरमऊ के कई ग्राम पंचायतों में जनसेवा केंद्र खोलने के नाम पर सहज रिटेल लिमिटेड को भुगतान को किया गया। इस संबंध में जिला पंचायती राज अधिकारी से जानकारी चाही गयी तो उनके द्वारा बताया गया कि एपीसीएल कंपनी द्वारा हमें एक पत्र भेजा गया था जिसके क्रम में सहज रिटेल लिमिटेड को भुगतान किया गया और यह भी बताया गया कि डायरेक्टर द्वारा जिला पंचायती राज अधिकारी को पत्र लिखा गया जिसके आधार पर भुगतान किया गया। जबकि कमेटी की अध्यक्ष जिलाधिकारी है तो पत्र उनके द्वारा लिखना चाहिए था और अनुमोदन मिलने के बाद ही सहज कम्पनी को भुगतान होना चाहिए था लेकिन ऐसा नही किया गया। जबकि उक्त भुगतान कंपनी के द्वारा प्रेषित पत्र पर लिखे खाता संख्या पर किया जा रहा है। जब इस संबंध में ई डीएम अमित गुप्ता से जानकारी की गई तो उनके द्वारा बताया गया कि इस पूरे मामले की जांच मुख्य कोषाधिकारी कर रहे हैं जो लंबित है। अब सवाल यह उठता है ई डिस्ट्रिक्ट मैनेजर अमित गुप्ता ई गवर्नेस समिति जनपद गोण्डा जिसके अधीन ये कार्य कर रहे है इनका कार्य है कि जनपद में कंपनी किस प्रकार से कार्य कर रही है और उत्तर प्रदेश शासन के द्वारा बनाए गए नियम व कानून के तहत कर रही है या नहीं कर रही है इसे देखना इनका दायित्व है,लेकिन इनके द्वारा ऐसा नहीं किया जा रहा है। जिसका कारण यह है कि भुगतान आईपीसीएल को होना चाहिए था और सहज को हो रहा है। आपको बता दें कि शिकायतकर्ता ने जिलाधिकारी गोंडा को शिकायती प्रार्थना पत्र दिया था जिसमें उनके द्वारा आरोप लगाया गया था कि जनपद गोंडा के विकासखंड हलधरमऊ के विभिन्न ग्राम पंचायत में जन सेवा केंद्र खोलने के नाम पर सहज रीटेल लिमिटेड को भुगतान किया जा रहा है, जबकि टेंडर आईपीसीएल को मिला है। प्रकरण की जांच मुख्य कोषाधिकारी जनपद गोंडा कर रहे हैं। जांच अधिकारी द्वारा बताया गया कि जिस कंपनी को जन सेवा केंद्र खोलने का टेंडर मिला है वो जिस खाते में चाहे भुगतान ले सकती है। लेकिन जब नियम व शासनादेश पूछा गया तो कोई जवाब इस संबंध में नही दे पाए। ऐसे में जब कोई शासनादेश व नियम नही है तो भुगतान कैसे हो रहा है ये बड़ा सवाल है और आईपीसीएल के पत्र पर आईपीसीएल का एड्रेस लिखा है ना कि सहज का तो आखिर सहज रिटेल लिमिटेड का कार्यालय किस जनपद में है। जनपद गोण्डा में इनका पंजीयन संख्या क्या है किसके आदेश से यह भुगतान लेने के लिए अधिकृत है यह तो जांच का विषय है।