November 22, 2024

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बहुचर्चित अशफाक हत्याकांड में पूर्व ब्लाक प्रमुख राजेश विक्रम सिंह समेत पांच आरोपियों को किया बरी

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सुलतानपुर/अमेठी।

बहुचर्चित अशफाक हत्याकांड में पूर्व ब्लाक प्रमुख राजेश विक्रम सिंह समेत पांच आरोपियों को जिला एवं सत्र न्यायाधीश जय प्रकाश पाण्डेय की अदालत ने किया बरी। अदालत ने सह आरोपी सतीश कुमार,वंशराज यादव व अमित चौबे को हत्या सहित अन्य आरोपो में ठहराया दोषी। दोषियों की सजा के बिंदु पर 25 को आएगा कोर्ट का फैसला। जिला जज की अदालत के फैसले से संतुष्ट नहीं है मृतक का पिता अंसार अहमद,फैसले को हाईकोर्ट में देंगे चुनौती

जगदीशपुर थाना क्षेत्र में विजया बैंक के पास 30 जनवरी 2018 को दिनदहाड़े वारदात को दिया गया था अंजाम। अभियोगी अंसार अहमद ने पूर्व प्रमुख राजेश विक्रम सिंह उनके भाई राकेश विक्रम सिंह,सह आरोपी सतीश उर्फ सतई,वंशराज यादव,बिहार के रहने वाले अमित चौबे एवं अज्ञात लोगों पर दर्ज कराया था हत्या का मुकदमा। पूर्व प्रमुख एवं उनके भाई पर लगा था साजिश कर हत्या कराने का आरोप। मामले में राजेश विक्रम सिंह व सुभाष यादव,नान्ह सिंह उर्फ सूरज सिंह, अनिल कुमार उर्फ विधायक,विकास खरवार,सतीश उर्फ सतई,अमित चौबे व वंशराज यादव को किया गया था चार्जशीटेड। बेटे की हत्या के केस में मृतक अशफाक के पिता अंसार अहमद की सक्रिय पैरवी से कई आरोपियो को ट्रायल पूरा होने तक सलाखों के पीछे बितानी पड़ी जिंदगी।वहीं कई आरोपी स्वयं को निर्दोष बताते हुए करते रहे हर संभव पैरवी

इसी मामले में वादी की कड़ी पैरवी के चलते सुप्रीम कोर्ट से पूर्व प्रमुख राजेश विक्रम सिंह की दौरान ट्रायल बेल हो गई थी रिजेक्ट। बेल रिजेक्ट होने के बाद पूर्व ब्लाक प्रमुख-जगदीशपुर सेशन कोर्ट में सरेंडर कर फिर पहुँच गये थे जेल। हत्याकांड में दौरान ट्रायल हाईकोर्ट से जमानत पाए प्रमुख राजेश विक्रम सिंह एवं सुभाष यादव के जमानत आदेश के खिलाफ मृतक अशफाक के पिता अंसार अहमद ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी अपील,सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के जरिए ब्लाक प्रमुख राजेश विक्रम सिंह एवं सह आरोपी सुभाष यादव को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया जाना उचित न मानते हुए पलट दिया था हाईकोर्ट का फैसला और दोनों आरोपियों की जमानत कर दी थी खारिज। सुप्रीम कोर्ट ने प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुए ट्रायल कोर्ट को एक वर्ष के भीतर मामले का निपटारा करने का भी दिया था निर्देश। फिलहाल तमाम विसंगतियों की वजह से सुप्रीम के निर्देश के बाद निर्धारित समय मे नहीं हो पूरा हो सका था ट्रायल,अब जाकर आया फैसला

सेशन कोर्ट ट्रायल स्तर पर ही जिला न्यायालय से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुँच चुका है मामला। दोनों पक्षों ने मुकदमेबाजी में अपना-अपना स्वाभिमान लगाया है दांव पर। काफी हाई लाईटेड है हत्याकांड से जुड़ा यह मामला। फिलहाल वर्तमान में जिला जज कोर्ट के फैसले से पूर्व प्रमुख समेत पांच हो चुके है निर्दोष करार,पर आगे भी रार-बरकरार। वादी पक्ष पूर्व ब्लॉक प्रमुख समेत पांच आरोपियो को बरी करने से है असंतुष्ट तो दोषी ठहराए गये तीनो लोग स्वयं को भी बता रहे बेकसूर। दोनों पक्ष अपनी-अपनी बातों को लेकर हाईकोर्ट में करेंगे अपील। आगे की कानूनी लड़ाई में कौन पक्ष, किस पर कितना पड़ता है भारी,भविष्य में सब कुछ आएगा सामने

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