भू माफियाओं द्वारा अवैध तरीके से दलित दिव्यांग की भूमि हड़पने की साजिश मे तहसील से लेकर उपनिबंधक कार्यालय के अधिकारियों तक की मिलीभगत का लगाया आरोप
1 min readजिलाधिकारी को आयोग का समन, भू माफियाओं द्वारा अवैध तरीके से दलित दिव्यांग की भूमि हड़पने की साजिश मे तहसील से लेकर उपनिबंधक कार्यालय के अधिकारियों तक की मिलीभगत
फर्जी बैनामे, जाली दस्तावेज के जरिये जारी है गरीबों मजलूमो की जमीनें कब्जाने की साजिश
भ्रष्टाचार का दानव, नियमो को ताक पर रखकर निगल रहा गरीबों की संपत्तियाँ
अयोध्या
जनपद तहसील सदर क्षेत्र के ग्राम माझा बरहटा से जुड़ा है पीड़ित दिव्यांग विनोद ने हमारे व्यूरो से बात करते हुए बताया कि वह उनके पिता स्वर्गीय राम प्रताप ने 1991 में एक भूमि का बैनामा लिया था, पिता की मृत्यु के बाद उनका और उनके भाई फूलचंद का नाम वरासत के रूप मे दर्ज हो गया, और उनका परिवार 1991 से ही भूमि पर खेती बाड़ी का करता रहा है और काबिज है लेकिन धर्म नगरी के भू माफियाओं की नज़र माझा बरहटा में सरकारी परियोजनाओ पर पहले से थी इसी क्रम मे इस भूमि को महर्षि रामायण विद्या पीठ ट्रस्ट के लोगों ने कब्जा करने का कई बार प्रयास किया, जब पीड़ितों ने उप निबंधक कार्यालय से भूमि गाटा संख्या – 927 क, 914 क, 928, 931 क, 932 आदि ग्राम माझा बरहटा का वर्ष 2010 से वर्ष 2021 तक भार मुक्त प्रमाण पत्र प्राप्त किया गया तो उसमें गंगा राम, फूलचंद, संजय और विनोद कुमार के नाम दर्ज पाए गए, जिसके बाद महर्षि रामायण विद्या पीठ ट्रस्ट के लोगों द्वारा दावा किया गया कि मृतक राम प्रसाद मे 1992 में ही उक्त संपत्ति को महर्षि रामायण विद्या पीठ ट्रस्ट को बैनामा कर दिया है जिसका दाखिल ख़ारिज भी 1993 में हो चुका है जबकि दावे के अनुसार भू माफिया कोई पुख्ता दस्तावेज नही दिखा सके तो सरकारी अभिलेखों मे छेड़छाड़ कर उप जिलाधिकारी का आदेश बताकर 2022 में इसे सभी गाटो से मुक्त कर राज्य सरकार के दर्ज दिखा दिया ,लेकिन पीड़ित दलितों की अधिगृहित भूमि पर ना उन्हें कोई नोटिस दी गई जिससे वह अपना पक्ष रख सके ना ही कोई मुवावजा ही मिल सका, जबकि कई कई बार शिकायतकर्ताओं द्वारा दी शिकायतों मे जो रिपोर्ट लगी है वो अलग अलग और भ्रामक है मामले मे पीड़ित दलित दिव्यांग ने उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग मे मामले की शिकायत की है जिसके बाद तथ्यो की जांच के बाद आयोग ने डीएम अयोध्या को 30 सितम्बर तक मामले से जुड़े सभी अभिलेख, जांच, आख्या तलब की है आदेश का पालन नहीं करने पर जिलाधिकारी को व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होने का आदेश जारी किया जा सकता है