धड़ल्ले से हो रहा है अवैध मिट्टी खनन,जिम्मेदार मौन,खुलेआम दिन रात दौड़ रही हैं मिट्टी से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली
1 min readगोंडा जिले में धड़ल्ले से हो रहा है अवैध मिट्टी खनन,जिम्मेदार मौन
खुलेआम दिन रात दौड़ रही हैं मिट्टी से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली।
आखिर किसकी देख-रेख में चल रहा अवैध मिट्टी खनन का काला खेल ?
गोण्डा।
जिले में वैध खनन की आंड़ में नगर व देहात थाना क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर अवैध खनन का खेल चल रहा है। इस अवैध मिट्टी खनन में भ्रष्टाचार और फिर कालाबाजारी का खेल किसी से छिपा नहीं है। दिन व रात्रि में भी शहर की सड़कों पर बेरोक-टोक अवैध खनन के ट्रैक्टर और ट्राली दौड़ रहे हैं। अवैध खनन में ट्रैक्टर-ट्रालियां भी लगी हैं। यह वाहन अवैध खनन तो कर ही रहे हैं,तेज गति से चलाने की वजह से लोगों के लिए जानलेवा भी साबित हो रहे हैं। हद तो यह है कि कई हादसों के बावजूद खनन अधिकारी और पुलिस अफसर इस पर चुप्पी साधे हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक यह अवैध मिट्टी खनन नगर के एक जिम्मेदार पुलिस अधिकारी के संरक्षण में फल फूल रहा है। वहीं जो भी अवैध मिट्टी के अवैध खनन बाधा बनने की कोशिश करता है उसे रास्ते से हटाने के लिए साम-दाम-दंड-भेद हर तरह के हथकंडे अपनाए जाते हैं। मिट्टी के अवैध खनन में बहुत कमाई है। लगभग सभी राजनीतिक दलों से जुड़े लोग खनन के काम से जुड़े हैं। क्योंकि खनन के लिए लाइसेंस की सरकारी फीस बहुत कम होती है। इस अवैध मिट्टी खनन के काम में धनबल से लेकर बाहुबल सबका इस्तेमाल किया जाता है।रसूखदार खननकर्ता के अवैध खनन कार्य को लेकर अगर कोई अधिकारी, समाजसेवी या जनता भी आड़े आना चाहती है तो उन्हें रास्ते से हटाने की पूरी कोशिश होती है। किसी भी स्तर का अधिकारी हो,जब वह अवैध खनन की रोकथाम के प्रयास करता है तो उसका तबादला होते देर नहीं लगती।
कैसे टूटेगी इसकी कमर।
मेरा दृढ़ मत है कि अवैध खनन की रोकथाम के लिए सख्त और सुदृढ़ न्यायिक हस्तक्षेप की जरूरत है। जिस प्रकार नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के स्थापित होने के बाद कुछ फर्क पड़ा है। चूंकि यह विशेषकर इसी कार्य के लिए बना है। इसे प्राकृतिक सम्पदा के मिट्टी का अवैध दोहन को रोकना होता है। एक जागरूक व्यक्ति के रूप में मुझे लगता है कि न्यायिक हस्तक्षेप से दो कार्य होते हैं। एक तो गलत किस्म के लोगों की कमर टूटती है,दूसरा जो इस तरह के लोगों को रोकना चाहते हैं, उनको बल मिलता है। उत्तरप्रदेश में जब लोकायुक्त ने अवैध खनन की जांच शुरू की तो पूरे प्रदेश में इसमें गिरावट आई।आरटीआई से भी यह पता करने की कोशिश की गई कि सरकार कैसे मापती है कि किस खदान से कितनी मिट्टी खुदवाई जा रही है। सरकार के पास इसे जांचने का कोई उपाय नहीं है। अवैध खनन रोकना सरकार के भरोसे नहीं रोका जा सकता। जब तक जनता जागरूक होकर सड़कों पर ना आ जाए तब तक चलता रहेगा। वही जब अवैध खनन की जानकारी खनन अधिकारी से ली गई तो उन्होंने बताया हम छुट्टी पर हैं आकर देखते हैं कि कहां पर खनन हो रहा है।