रेलवे के नाम पर कर्नलगंज क्षेत्र में फल-फूल रहा अवैध खनन का कारोबार
1 min readरेलवे के नाम पर कर्नलगंज क्षेत्र में फल-फूल रहा अवैध खनन का कारोबार
मौके पर पहुंचे खनन निरीक्षक की जांच में हुआ खुलासा,तैयार कराई जा रही रिपोर्ट।
अवैध मिट्टी खनन के कारोबार के चलते रात-दिन दौड़ने वाले सैकड़ों डंपर व ट्राली से गज्जूपुरवा को जाने वाली सड़क बर्बाद।
सिस्टम से
जुड़ा है पूरा
गिरोह।
कर्नलगंज, गोण्डा।
स्थानीय तहसील व कोतवाली कर्नलगंज क्षेत्र में रेलवे के नाम पर खनन की अनुमति लेकर कोतवाली कर्नलगंज क्षेत्र के ग्राम पंचायत बसेहिया व गज्जू पुरवा में बड़े पैमाने पर खुलेआम जमकर अवैध बालू और मिट्टी खनन किया जा रहा है और इसे क्षेत्र के अलग-अलग स्थानों पर बिक्री किया जा रहा है। इस अवैध खनन के कारोबार के खेल को जानबूझकर अनदेखी करते हुए जिम्मेदार प्रशासनिक एवं विभागीय अधिकारी तमाशबीन बने हुए है। इसमें कारोबारी विभाग की मिलीभगत से ना सिर्फ रॉयल्टी की चोरी कर रहे हैं,बल्कि जिम्मेदारों की इस अनदेखी के कारण राजस्व को हानि भी पहुंचा रहे हैं। रविवार को खनन निरीक्षक की जांच में इसका खुलासा हुआ है। खनन निरीक्षक ने माना कि रेलवे के नाम पर बड़े पैमाने पर खनन किया गया है।लेखपाल से जमीन की पैमाइश कराकर इसकी रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है। मिली जानकारी के मुताबिक रेल विभाग में हो रहे निर्माण को लेकर खनन विभाग ने साधारण मिट्टी खनन के लिए कर्नलगंज के ग्राम बसेहिया व गज्जूपुरवा के पास स्थित गाटा संख्या 80 पर मेसर्स आर पी सिंह एंड कंपनी को 11 हजार घन मीटर व मेसर्स एसएमबीजीएफसीपीएल कंपनी को 9490 घनमीटर मिट्टी खनन का पट्टा दे रखा है। इसकी अवधि सितंबर 2020 से 30 नवंबर 2023 तक है। लेकिन यहां मिट्टी खनन के नाम पर अवैध रूप से बालू खनन का कारोबार धड़ल्ले से फल फूल रहा है। खनन विभाग की मानें तो गाटा संख्या 80 में 21 हजार घन मीटर मिट्टी खनन की अनुमति दी गई थी लेकिन अब तक यहां करीब 40 हजार घन मीटर मिट्टी का खनन हो चुका है। दिन में तो यह मिट्टी रेलवे के साइट पर पहुंचाई जाती है जबकि रात में यहां से बालू व मिट्टी खनन कर जिले के विभिन्न स्थानों पर बिक्री किया जा रहा है। रेलवे के नाम पर खनन की अनुमति लेकर क्षेत्र के अलग-अलग तमाम स्थानों पर बालू व मिट्टी पहुंचाई जा रही है।खनन माफिया खनिज संपदा के साथ-साथ राजस्व को चूना लगा रहे हैं तो वहीं पर्यावरण को भी प्रदूषित करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। बता दें कि इस अवैध मिट्टी खनन के कारोबार के चलते रात-दिन दौड़ने वाले सैकड़ों डंपर व ट्राली से गज्जूपुरवा को जाने वाली सड़क बर्बाद हो गई है। आसपास के ग्रामीण रात-दिन इन वाहनों के शोर शराबा व धूल से परेशान हो चुके हैं। नियमों के मुताबिक परमिट देते समय ही यह तय किया जाता है कि किस जगह पर कितनी गहराई तक खनन कराया जा सकता है। जबकि 80 नंबर गाटा में इससे इतर कार्य हो रहा है। रविवार को खनन इंस्पेक्टर विवेक कुमार ने ग्राम बसेहिया के गाटा संख्या 80 में अवैध मिट्टी खनन की जांच की। उन्होंने माना कि यहां पर बड़े पैमाने पर खनन हुआ है। कहा कि लेखपाल से नाप कराई जा रही है और रिपोर्ट के आधार पर संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
खनन विभाग के एक कर्मचारी ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि इस तरह के अवैध खनन के खेल में सबसे अहम भूमिका खनन विभाग की होती है। विभाग की अनुमति के बिना यह सब होना संभव ही नहीं है। इसके लिए बाकायदा सरकारी सिस्टम से जुड़ा एक गिरोह काम करता है जो पुलिस प्रशासन सहित खनन विभाग से सेटिंग-गेटिंग करता है।
खनन के लिए परमीशन
के यह है नियम-
परमीशन लेने वाले को ऐसी जगह से मिट्टी निकालनी होती है,जहां पर कोई सड़क, सार्वजनिक मार्ग, भवन या सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान ना हो।
तय मानक से अधिक मिट्टी निकालने पर यह अवैध खनन होगा।
खनन की परमीशन के बाद भी अगर सरकार,न्यायालय का कोई नया आदेश आएगा तो उसका पालन करना होगा।
खनन के आसपास के खेतों को कोई नुकसान नहीं होना चाहिए।
खनन वाली जगह पर अगर पेड़ हो तो उसे नुकसान ना पहुंचे।
पर्यावरण स्वच्छता प्रमाण पत्र के प्रभावी नियमों अधिसूचना एवं शर्तों के अनुसार खनन संविदा की जाएगी।
इस संबंध में उपजिलाधिकारी कर्नलगंज विशाल कुमार ने बताया कि गाटा संख्या 80 में रेलवे के नाम पर दो लोगों ने परमीशन ले रखा है। अवैध खनन की शिकायत पर संबंधित लेखपाल को भेजकर नाप-जोख कराई जा रही है। गड़बड़ी मिलने पर कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।