कृषि विज्ञान केन्द्र केएनआई के सभागार में इफको द्वारा बिक्री केंद्र प्रभारी प्रशिक्षण कार्यक्रम
1 min readसुल्तानपुर
कृषि विज्ञान केन्द्र केएनआई सुल्तानपुर के सभागार में इफको द्वारा बिक्री केंद्र प्रभारी प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री सदानंद चौधरी जिला कृषि अधिकारी महोदय रहे। गोष्ठी की अध्यक्षता डा जे बी सिंह कृषि विज्ञान केन्द्र हेड सुल्तानपुर द्वारा किया गया। विशिष्ट अतिथि श्री शतीश कुमार उप महाप्रबंधक विपणन इफको रहे । कार्यक्रम का संचालन श्री विनोद कुमार मौर्य क्षेत्र प्रबंधक इफको सुल्तानपुर द्वारा किया गया। कार्यक्रम में लगभग 60 विक्री केंद्र प्रभारी जिसमें एफपीओ, आईएफएफडीसी, एग्री जंक्शन एवं इफको बाजार के प्रभारी थे। जिला कृषि अधिकारी महोदय द्वारा केमिकल युक्त उर्वरकों को मिट्टी में कम से कम प्रयोग करने की सलाह दी साथ ही नैनो यूरिया, नैनो डीएपी का अधिक से अधिक प्रयोग कर मिट्टी को बचाने व अधिक उत्पादन प्राप्त करने संबंधित जानकारी दी । श्री शतीश कुमार उप महाप्रबंधक विपणन इफको द्वारा नैनो यूरिया प्लस व नैनो डीएपी के प्रयोग से लाभ एवं प्रयोग विधि की विस्तार से जानकारी दी। नैनो डीएपी का 5ml प्रति किलो बीज उपचारित कर बुवाई करने से अंकुरण काफी अच्छा होगा पौधे ओजस्वी होंगे जड़ों का विकास तीव्र होता है व कल्ले की संख्या में वृद्धि होगी जिससे फसल उत्पादन बढ़ेगा। दानेदार डीएपी का मूल्य 1350 रुपए प्रति बैग है एवं नैनो डीएपी का ₹600 प्रति बोतल है। एक बोतल नैनो डीएपी एक बोरी डीएपी के बराबर है ।खेत में दानेदार डीएपी की मात्रा आधा डालें एवं लगभग 30 दिन बाद अगर नैनो डीएवी का पानी में 4 प्रतिशत घोल एक छिड़काव कर दें तो हमारी उपज पहले से काफी बेहतर होगी। उन्होंने नैनो यूरिया प्लस के विषय में भी विस्तार से बताया जो पूर्व की नैनो यूरिया चार परसेंट की थी अब नैनो यूरिया प्लस 20% की है इसके अतिरिक्त इसमें कुछ माइक्रो न्यूट्रिएंट्स भी पड़े हैं। यह नैनो यूरिया प्लस पहले से काफी बेहतर कार्य कर रही है । जो बहुत ही कारगर है । श्री विनोद कुमार मौर्य क्षेत्र प्रबंधक इफको सुल्तानपुर द्वारा नैनो उर्वरकों के साथ इफको के विभिन्न उत्पादों जो फसलों के लिए बहुत ही उपयोगी हैं उन पर चर्चा की। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉक्टर जे बी सिंह कृषि विज्ञान केंद्र हेड द्वारा मिट्टी में कम से कम केमिकल युक्त रसायनों का प्रयोग करने की सलाह दी उन्होंने बताया कि नैनो यूरिया नैनो डीएपी चूकि पत्ती के माध्यम से फसलों को मिलती है। इसलिए इससे हमारे मिट्टी दूषित होने से बचेगी साथ ही जल, वायु एवं मृदा प्रदूषण तीनों बचेगा। साथ ही नैनो उर्वरक पौधों को सीधे पत्ती के माध्यम से पौधों को प्राप्त होंगे। सभी बिक्री केंद्र प्रभारी ने सक्रियता से भाग लिया।