के.एन.आई. के विद्यार्थियों को उत्तराखंड का शैक्षणिक भ्रमण संपन्न
1 min readसुल्तानपुर।
केएनआईपीएसएस सुल्तानपुर के भूगोल व इतिहास विभाग के संयुक्त तत्वावधान में विद्यार्थियों नें उत्तराखंड हिमालयीय परिवेश का भौगोलिक व ऐतिहासिक भ्रमण सकुशल सम्पन्न किया। भूगोल विभागाध्यक्ष सुधांशु प्रताप सिंह नें बताया कि संस्थान प्राचार्य प्रो.आलोक कुमार सिंह की अनुमति से बी ए पंचम सेमेस्टर के विद्यार्थियों नें उत्तराखंड हिमालयीय परिक्षेत्र के भौगोलिक पर्यावरण व ऐतिहासिक साक्ष्यों का प्रत्यक्ष अवलोकन व सर्वेक्षण किया । यह शैक्षणिक भ्रमण दल 7 नवम्बर को उत्तराखंड हेतु रवाना हुआ एवं क्षेत्रीय अध्ययन सम्पन्न होने के उपरांत 14 नवम्बर देर शाम तक वापस सुल्तानपुर पहुंच गया। भ्रमण के दौरान कमला नेहरु संस्थान के विद्यार्थी हरिद्वार, ऋषिकेश, टिहरी डैम व झील, हर्षिल की वादियाँ, उत्तरकाशी व गंगोत्री आदि के प्राकृतिक एवं मानवीय परिवेश का गहन अवलोकन पर्यवेक्षण व सर्वेक्षण किया। इस भ्रमणीय अध्ययन के दौरान भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष सहित डॉ नम्रता वर्मा, मि अतुल वर्मा , मि अमित सिंह के साथ साथ इतिहास विभाग के प्राध्यापक डॉ भूपेंद्र सिंह के नेतृत्व व मि रामशब्द के सहयोग से सैकड़ो विद्यार्थियों नें विभिन्न भ्रमण स्थलों का भौगोलिक, आर्थिक, सामाजिक व सांस्कृतिक अध्ययन किया। भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों नें भगीरथी गार्ज, यू आकार की घाटी, पर्वतपदीय झील, जलप्रपात, गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान, पर्वतीय आवास, वानस्पतिक परिवेश एवं जलवायविक दशाओं के साथ मानव निवास स्थलों व धरोहरों के एतिहासिक पहलूओं का गहन अध्ययन किया। साथ ही साथ शैक्षणिक भ्रमण पर्यवेक्षकों के नेतृत्व में कमला नेहरू संस्थान के विद्यार्थियों ने टिहरी झील के बाजारी बस्ती तथा गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान के प्रवेश द्वार की साफ-सफाई की एवं पर्यावरण संरक्षण की जनजागरूता हेतु पर्यावरण संरक्षण रैली का आयोजन भी किया। संस्थान के मीडिया प्रभारी एवं भूगोल विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ आर पी मिश्र नें बताया कि भूगोल विषय के यथार्थ अध्ययन में प्रत्यक्ष क्षेत्रीय अवलोकन व स्थलीय सर्वेक्षण एक महत्वपूर्ण प्राविधि है। इसी के निमित्त भूगोल विषय में अध्ययनरत विद्यार्थी निर्धारित पाठ्यक्रम की सम्पूर्णता हेतु प्रतिवर्ष शैक्षणिक भ्रमण कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हैं। विद्यार्थी भ्रमण के दौरान संकलित भौगोलिक तथ्यों के आधार पर भौगोलिक भ्रमण प्रतिवेदन तैयार करते हैं । भौगोलिक भ्रमण की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए भूगोल विभागाध्यक्ष व असिस्टेंट प्रोफेसर सुधांशु प्रताप सिंह नें बताया कि इस प्रकार के अध्ययन प्राविधि से विद्यार्थियों मे एक तरफ विषय की गुढता का बोध होता है तो दूसरी तरफ विद्यार्थी शोध प्रक्रिया की क्रमबद्धता से भी रूबरू होते हैं।