पांच सौ शिक्षकों की रचनाओं का सात खंडो मे होगा प्रकाशन-शैक्षिक संवाद मंच द्वारा दिया जाएगा विधा- लेखन प्रशिक्षण-
1 min readपांच सौ शिक्षकों की रचनाओं का सात खंडों में होगा प्रकाशन
शैक्षिक संवाद मंच द्वारा दिया जायेगा विधा-लेखन प्रशिक्षण अतर्रा (बांदा)-
शैक्षिक संवाद मंच उत्तर प्रदेश अपनी पुस्तक प्रकाशन योजना के अंतर्गत 500 से अधिक शिक्षकों की रचनाओं का संग्रह सात खंडों में प्रकाशित करेगा। इस संग्रह में साहित्य की विभिन्न विधाओं यथा कविता, बाल कविता, कहानी, बाल कहानी, लघुकथा, एकांकी, संस्मरण, पत्र लेखन, लेख, जीवनी, आत्मकथा, लोककथा, मुक्त विषय, साक्षात्कार, यात्रा वृत्तांत पर आधारित रचनाएँ सात खण्डों में प्रकाशित होंगी। लेखन के पहले विधावार प्रशिक्षण दिया जायेगा।
उक्त जानकारी देते हुए दुर्गेश्वर राय ने बताया कि गत दिवस शैक्षिक संवाद मंच द्वारा आयोजित आनलाइन बैठक में मंच के संस्थापक शिक्षक व साहित्यकार प्रमोद दीक्षित मलय ने छत्तीसगढ़ और राजस्थान प्रभारी धर्मानंद गोजे एवं विजय प्रकाश जैन सहित 60 से अधिक रचनाकारों के साथ विचार विमर्श किया। शुरुआत उपस्थित साथियों के परिचय के साथ हुई। मंच के ध्येय वाक्य ‘विद्यालय बनें आनंदघर’ और आदर्श पुरुष गिजुभाई बधेका के शैक्षिक दर्शन की चर्चा करते हुए प्रमोद दीक्षित ने कहा कि शिक्षण एक संवेदनशील प्रक्रिया है। इसे भयपूर्ण वातावरण में सम्पादित नहीं किया जा सकता। आज व्यक्ति, परिवार, समुदाय और देशों के मध्य संघर्ष का जो वातावरण बना हुआ है इससे उबरने का एक ही रास्ता है- आनंदमय शिक्षा। आनंदमय होने की यह यात्रा शिक्षक से आरम्भ होकर बच्चे, विद्यालय, समुदाय के रास्ते देश और दुनिया तक जाती है। ऐसे में शिक्षक को सजग और अद्यतन रहने की आवश्यकता है। शिक्षा के क्षेत्र में हुए महत्वपूर्ण कार्यों, शोध एवं अनुसंधान के प्रकाशित दस्तावेजों का अध्ययन आवश्यक है। विद्यालय में रोज एक नया चमत्कार होता है इसके लिए हमें अपनी अवलोकन क्षमता को बढ़ाना होगा तथा इन चमत्कारों को लिखकर अभिलेख का रूप भी देना होगा ताकि आने वाली पीढ़ी इससे लाभान्वित हो सके। इन्हीं उद्देश्यों की पूर्ति के लिए मंच द्वारा पूर्व में पहला दिन, हाशिए पर धूप, कोरोना काल में कविता, प्रकृति के आंगन में, राष्ट्र साधना के पथिक, स्मृतियों की धूप छाँव आदिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। आगामी 16, 17 और 18 फरवरी को चित्रकूट में आयोजित मंच के वार्षिक समारोह में क्रांति पथ के राही, यात्री हुए हम, विद्यालय में एक दिन, शिक्षा के पथ पर, मंदाकिनी के तट पर, धरा सुने शुभ गीत, शब्द कसौटी पर सहित 10 पुस्तकों का विमोचन किया जाना है। बच्चों की लेखन क्षमता के विकास हेतु मंच द्वारा दीवार पत्रिका अभियान चलाया जा रहा है। कार्यक्रम का संचालन शिक्षक आलोक श्रीवास्तव द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में डॉ. आलोक त्रिपाठी, डॉ. अनिल वर्मा, अर्चना वर्मा, अरविंद पांडेय, आलोक श्रीवास्तव, धर्मिष्ठा पंड्या, डॉ. चैताली यादव, दीप्ति राय, फरहत माबूद, दुर्गेश्वर राय, कमलेश कुमार पांडेय, कनकलता, कविता सिंह, मधु सिंह, महेश कुमार कर्णधार, मनीषा प्रसाद, नीतू सिंह, पवन तिवारी, पूनम शर्मा, रामकुंवर यादव, संगीता जैन, संजीव शर्मा, सीमा मिश्रा, शीतल बैस, शोभा बेंजामिन, सुनीता वर्मा, वत्सला मिश्रा, वर्षा श्रीवास्तव, विजय शंकर यादव, विनीत मिश्रा, संजय कुमार यादव, आरती तिवारी, धर्मानंद गोजे, विजय प्रकाश जैन, मीरा रविकुल, कुलदीप त्रिपाठी, ऋतु श्रीवास्तव, डॉ. रचना सिंह, नीलू चोपड़ा, स्वाति अग्रवाल, निकहत रशीद, अशोक प्रियदर्शी, अमरदीप सिंह, अनुराधा दोहरे, अर्चना अग्रवाल, कुमुद, मीनाक्षी शर्मा, प्रीति भारती, प्रीति श्रीवास्तव, रश्मि पांडेय, रुखसाना बानो, सुषमा त्रिपाठी, उदयभान त्रिपाठी, ज्योति विश्वकर्मा, मनीषा श्रीवास्तव, अर्चना रानी अग्रवाल, अनामिका ठाकुर आदि शिक्षक शिक्षिकाओं ने कार्यशाला में शामिल होकर अपने विचार प्रस्तुत किये।
कलमकार-प्रमोद दीक्षित मलय
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