November 22, 2024

Awadh Speed News

Just another wordpress site

5500 किलोग्राम वजन और लंबाई 44 फीट, कुछ ऐसा है राम मंदिर में स्थापित होने वाला मुख्य ध्वज दंड

1 min read
Spread the love

अयोध्या

मंदिर में भगवान की मूर्ति, कलश और ध्वज दंड तीनों की प्रतिष्ठा एक साथ होती है. शास्त्रों में कहा गया है कि ध्वज दंड की प्रतिष्ठा होने के बाद ही मूर्ति में प्राण आते हैं ब्रह्मांड से आने वाले तरंग ध्वज दंड के माध्यम से भगवान की मूर्ति तक पहुंचते हैं श्रीरामलला प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर चल रही तैयारी मुख्य ध्वज दंड में 19 पर्व और हैं 20 रिंग भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम लगभग पूरा हो चुका है. 22 जनवरी 2024 को होने वाले श्रीरामलला प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की तैयारी जोरशोर से चल रही है. इस दिन भगवान श्रीराम की मूर्ति के साथ ही कलश और ध्वज दंड की प्रतिष्ठा भी की जानी है. आइए ध्वज दंड का महत्व जानते हैं अहमदाबाद में तैयार किए जा रहे ध्वज दंड नागर शैली में तैयार हो रहे भव्य श्रीराम मंदिर परिसर में भगवान श्रीराम के मुख्य मंदिर समेत परिक्रमा में कुल सात मंदिर तैयार हो रहे हैं. जिनके शिखर पर ध्वज दंड की प्रतिष्ठा होनी है, जो अहमदाबाद में तैयार किए जा रहे हैं नागर शैली की दिखेगी झलक
श्रीराम मंदिर परिसर में भगवान श्रीराम बिराजमान होंगे, उस शिखर पर 44 फीट लंबाई वाले नागर शैली में बन रहे ध्वज दंड की प्रतिष्ठा की जाएगी, जिसका वजन 5500 किलोग्राम होगा. इस एक ध्वज दंड के अलावा मंदिर परिसर में दूसरे छह ध्वज दंड भी अहमदाबाद में ही बनाए जा रहे है. इसी परिसर में शिवजी, गणेशजी, माता सीता, हनुमानजी, लक्ष्मणजी का मंदिर भी शामिल है. इन सभी के लिए एक समान ध्वज दंड तैयार किए जा रहे हैं. इनकी लंबाई 20 फीट होगी और वजन 700 किलोग्राम होगा श्रीराम मंदिर परिसर में जिन ध्वज दंड की प्रतिष्ठा होनी है, उन्हें बनाने के लिए स्पेशल ग्रेड ब्रास और कस्टमाइज्ड मटेरियल का इस्तेमाल हुआ है. ध्वज दंड पर दिखाई देने वाली दो रिंग के बीच बने पर्व का अंतर शास्त्रों के हिसाब से निकाला जाता है. मंदिर के मेजरमेंट के हिसाब से शास्त्रों के नियमानुसार मुख्य ध्वज दंड में 19 पर्व और 20 रिंग बनाई गई है जिसकी लंबाई 44 फीट और वजन 5500 किलोग्राम है मंदिर की संपूर्ण ऊंचाई हो जाएगी 205 फिट ध्वज दंड का मेन पोल का डाया साढ़े नौ इंच है, जिसकी वॉल थीकनेस एक इंच की है. ध्वज दंड पर मस्तिष्क भी बैठाया जाएगा. भगवान श्रीराम का मंदिर जिसकी ऊंचाई 161 फिट है, उसके ऊपर 44 फीट के मुख्य ध्वज दंड की प्रतिष्ठा होगी. जिसके बाद मंदिर की संपूर्ण ऊंचाई 205 फीट हो जाएगी. बाकी के छह ध्वज दंड 20 फीट ऊंचाई के हैं, जिनमें 9 पर्व, 10 रिंग बनी है. इन तमाम ध्वज दंड का मेन पोल का डाया साढ़े पांच इंच है पिछले 8 दशक से मंदिर और मंदिर में इस्तेमाल होने वाली चीजें बनाने के व्यवसाय से जुड़े भरत मेवाड़ा की अहमदाबाद स्थित फैक्टरी में श्रीराम मंदिर परिसर में बन रहे मुख्य मंदिर समेत कुल सात ध्वज दंड बनाए जा रहे हैं. इसके अलावा श्रीराम मंदिर में लगे 42 दरवाजों में इस्तेमाल होने वाले हार्डवेयर भी बनाए गए हैं मंदिर परिसर की छतों में लगने वाले झूमर, पंखों के लिए 4500 से ज्यादा कड़े भी यही तैयार किए गए हैं श्री अंबिका इंजीनियरिंग वर्क्स के एमडी भरत मेवाड़ा ने बताया कि अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर के लिए ध्वज दंड बनाना उनके लिए गर्व की बात है भगवान की कृपा से ये मौका मिला है. इससे पहले भी अनेक मंदिरों के लिए ध्वज दंड बनाए हैं, लेकिन ये ध्वज दंड विशेष हैं मूर्ति, कलश और ध्वज दंड तीनों की प्रतिष्ठा होती है एक साथ भरत मेवाड़ा ने कहा कि मंदिरों में भगवान खुद बिराजमान होते हैं भगवान की मूर्ति, कलश और ध्वज दंड तीनों की प्रतिष्ठा एक साथ होती है. ध्वज दंड की प्रतिष्ठा होने के बाद उसमें प्राण आते हैं. शास्त्रों के हिसाब से कहा जाता है, ब्रह्मांड से आने वाले तरंग इसी ध्वज दंड के माध्यम से भगवान की मूर्ति तक पहुंचते हैं और हम सब उस मूर्ति के दर्शन करते हैं भरत मेवाड़ा ने कहा, ये ध्वज दंड विशेष है, क्योंकि, अब तक जो ध्वज दंड बनाए उसका वजन 500 किलो तक होता था, लेकिन इस बार भगवान श्रीराम के मंदिर के लिए ध्वज दंड जो बनाया है, उसका वजन 5500 किलो है उन्होंने बताया कि पिछले सात महीने से सारा काम चल रहा है. अगले पांच दिनों में ध्वज दंड बनकर तैयार हो जाएंगे, जिन्हें अहमदाबाद से अयोध्या पहुंचाया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *