October 18, 2024

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परिक्रमा के लिए रामनगरी में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, जयकारों से गूंज उठी अयोध्या नगरी

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परिक्रमा के लिए रामनगरी में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, जयकारों से गूंज उठी अयोध्या नगरी!

14 कोसी परिक्रमा पथ पर चल पड़े लाखों पग

अयोध्या!

‌ शुभ मुहूर्त की प्रतीक्षा। टिक-टिक करती घड़ी की सूइयां। उसी ओर श्रद्धालुओं की निगाह, लेकिन भीतर ही भीतर आस्था उमड़-घुमड़ रही थी। उनके कदम तो ठहरे थे, लेकिन अंतर्मन में बह रही भावनाओं की सलिला श्रद्धालुओं के चेहरे पर बयां हो रही थी। दर्जन भर से ज्यादा स्थानों पर अंतर्मन में लहराती आस्था की लहर आखिरकार मुहूर्त से पहले ही छलक उठी। आस्था का समुद्र परिक्रमा पथ पर जगह-जगह लहराने लगा।

ये दृश्य अयोध्या की 14 कोस की आध्यात्मिक परिधि का था। 14 कोसी परिक्रमा शुरू होने के साथ ही कार्तिक मेला शुरू हो चुका है। परिक्रमा का मुहूर्त 20 नवंबर की रात 2:09 बजे से था, लेकिन श्रद्धालुओं ने रात करीब एक बजे से ही परिक्रमा शुरू कर दी। रात जैसे-जैसे सघन होती गई, श्रद्धालुओं का कारवां भी बढ़ता गया। भोर हाेते-होते रामनगरी के 14 कोस की परिधि अटूट मानव-श्रृंखला में बंध सी गई। गगनभेदी जयघोष की सामूहिक आध्यात्मिक स्वरों से 14 कोसी परिक्रमा पथ गुंजायमान होने लगा। दर्शननगर, भीखापुर, देवकाली, जनौरा, नाका हनुमानगढ़ी, मोदहा, सिविल लाइंस स्थित हनुमान मंदिर, सहादतगंज, अफीम कोठी, नयाघाट आदि स्थानों से श्रद्धालुओं ने पूरे भक्ति की रौ में परिक्रमा करना शुरू कर दिया है।

श्रद्धालुओं की सेवा के लिए जगह-जगह सेवा शिविर भी लगाए गए हैं। जलपान से लेकर चिकित्सा के पूरे इतंजाम परिक्रमा पथ पर खूब किए गए हैं। वहीं, रामनगरी में यातायात प्रतिबंध लागू करते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। नयाघाट स्थित कंट्रोल रूम में जिले के आला अधिकारी मंडलायुक्त गौरव दयाल, डीएम नितीश कुमार, आईजी प्रवीण कुमार, एसएसपी राजकरण नय्यर ने कैंप कर रखा है, पूरे मेला क्षेत्र की पल-पल निगरानी की जा रही है।

एक दिन पहले ही मठ-मंदिरों में जुट गए श्रद्धालु
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आस्था के पथ को नापने के लिए रामनगरी में दोपहर से ही श्रद्धालु जुटने लगे थे। शाम होने तक सरयू घाटों से लेकर मठ-मंदिर भक्तों से गुलजार हो उठे। ट्रेन व बसों समेत ट्रैक्टर-ट्रालियों में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ने लगा। बड़ी संख्या में श्रद्धालु रविवार को ही अपने गुरु स्थानों, मठ-मंदिर, आश्रम व धर्मशालाओं में आकर रुक गए थे। श्रद्धालुओं ने सोमवार की सुबह सरयू स्नान कर विभिन्न मंदिरों में दर्शन-पूजन किया और दिन में आराम कर रात में परिक्रमा शुरू की।

सज गई दुकानें
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अयोध्या में चौदह कोसी परिक्रमा का शुभारंभ सोमवार रात से हो चुका है। ग्रामीण क्षेत्रों व अलग जनपदों से परिक्रमा करने भक्तों का मेला आ रहा है। परिक्रमा मेला रामनगरी का पावन पर्व है जिसमें बड़ा मेला लगता है। इसमें जगह-जगह विभिन्न प्रकार की अस्थायी दुकानें सजती हैं जो श्रद्धालुओं को आकर्षित करती हैं।

हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी 14 कोसी परिक्रमा मार्ग पर दुकानें सज गई हैं। मेले भर इनका जमावड़ा रहता है। मेले में लगी झूले, खिलौने, खाने, पूजा व घर की वस्तुओं से संबंधित अलग-अलग दुकानें लगी हैं। 42 किलोमीटर परिक्रमा पथ में 6 किलोमीटर के छावनी परिसर को छोड़कर लगभग 200 से 250 दुकानें जनौरा, सूर्यकुंड, दर्शनगर, रामघाट आदि जगहों पर सजी हैं जो मेले की शोभा बढ़ा रहीं हैं। भीखापुर पर स्टाल लगाए दुकानदार सौरभ ने बताया कि परिक्रमा मेले का इंतजार रहता है। चाय, जूस, फास्ट फूड का स्टाल हर साल लगाया जाता है। मेेले में दुकान लगाने से साल के एक दिन में ही आमदनी लगभग 15 प्रतिशत तक बढ़ जाती हैं। जनौरा में स्टाल लगाए दुकानदार राजेश ने बताया कि मिट्टी के बनें बर्तन व खिलौने सहित फास्टफूड की दुकान हर साल लगाते हैं। थोड़ा ठंड का मौसम होने से श्रद्धालुओं की पहली मांग चाय ही रहती है।

मुहूर्त से सात घंटे पहले वाहनों के लिए सील हुआ परिक्रमा पथ
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14 कोसी परिक्रमा के मुहूर्त से सात घंटे पहले ही परिक्रमा पथ को वाहनों के लिए सील कर दिया गया। शाम करीब सात बजे से ही विभिन्न स्थानों पर लगे बैरियर से वाहनों का प्रवेश रुकने पर स्थानीय लोगों को घर तक पहुंचने के लिए काफी कसरत करनी पड़ी। इस दौरान अधिकांश स्थानों पर पुलिसकर्मियों से राहगीरों की नोकझोंक भी हुई।

14 कोसी परिक्रमा को लेकर यातायात पुलिस ने दो दिन पहले से डायवर्जन जारी किया था। लेकिन अधिकांश लोग इससे अनजान थे। लोगों को परिक्रमा का मुहूर्त 20/21 नवंबर की रात में दो बजे से याद था। इस वजह से स्थानीय लोग शाम को घर जाने के लिए बेफिक्र रहे। लेकिन श्रद्धालुओं की भीड़ शाम करीब पांच बजे से ही उमड़ने लगी। जनौरा अंडर पास, नाका हनुमानगढ़ी मार्ग, भीखापुर, दर्शननगर, सहादतगंज, रामनगर समेत अन्य इलाकों में शाम करीब सात बजे से ही बैरियर लगा दिया। यहां खड़े पुलिस के जवान राहगीरों को जाने से रोकने लगे।

जनौरा अंडरपास के निकट पक्का तालाब निवासी राजू व पप्पू पुलिसकर्मियों से घर तक जाने के लिए मिन्नतें करते दिखे। राजू ने बताया कि थोड़ी देर पहले ही जरूरी कार्य से निकले थे, लेकिन अब जाने नहीं दिया जा रहा है। जबकि यहां से मेरा घर मात्र पांच सौ मीटर ही दूर है। वहीं, नाका चुंगी से ही बैरियर लगाकर वाहनों का प्रवेश वर्जित कर दिया गया। पत्नी व बच्चों को लेकर जा रहे बाइक सवार अमित कुमार ने कहा कि परिवार के एक सदस्य यहीं पर स्थित निजी अस्पताल में भर्ती थे, जिनके पास से वापस रिकाबगंज के निकट स्थित अपने घर जाना था, लेकिन जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। इसी तरह तमाम राहगीर घर तक जाने के लिए संघर्ष करते दिखे।

कार्तिक परिक्रमा मेले के इंतजाम

  • एटीएस की निगरानी में परिक्रमा होगी
  • सीसीटीवी से पूरे मेला क्षेत्र की निगरानी
  • सरयू के घाटों पर जल पुलिस व गोताखोरों की तैनाती
  • प्रमुख मठ-मंदिरों पर अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था
  • पूरे पथ पर जगह-जगह पुलिस के साथ सुरक्षा बल तैनात
  • परिक्रमा पथ पर 15 स्थानों पर चिकित्सा शिविर
  • परिक्रमा क्षेत्र में 10 स्थानों पर एंबुलेंस
  • परिक्रमा क्षेत्र में पांच स्थानों पर खोया-पाया कैंप
  • नयाघाट पर मेला कंट्रोल रूम की स्थापना
  • जगह-जगह सामाजिक संस्थाओं के शिविर
  • भीड़ नियंत्रण के लिए परिक्रमा पथ पर बैरीकेडिंग
  • रामनगरी में भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित।

राकेश कुमार मिश्रा मंडल ब्यूरो

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