सौ शैय्या अस्पताल में अव्यवस्थाओं का बोलबाला, महिला डॉक्टर नदारद
1 min readकुमारगंज/अयोध्या
जनपद के शौ सैय्या अस्पताल का मामला वापस लौट रहीं इलाज कराने आईं महिलाएं, स्टाफ नर्सों के भरोसे चला रहा हॉस्पिटल अयोध्या के सौ शैय्या संयुक्त चिकित्सालय कुमारगंज में मरीजों को इलाज के लिए 3 से 4 घंटे इंतजार करना पड़ता है। रजिस्ट्रेशन पर्चा बनवाने के लिए महिलाएं घंटों लाइन में लगी रहती हैं। उसके बाद अस्पताल में महिलाओं का इलाज करने के लिए कोई महिला डॉक्टर नहीं है। मजबूरी में मरीज महिलाओं को पुरुष डॉक्टर से इलाज कराना पड़ रहा है। अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार नहीं हो पा रहा है। जिसके चलते अस्पताल में मरीजों को इलाज के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। महिला डॉक्टरों के अस्पताल में न होने पर महिलाओं को पुरुष डॉक्टरों के पास जाकर इलाज कराना पड़ता है। अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार नहीं हो पा रहा है। महिला मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल में महिला डॉक्टरों के ना आने से मरीजों को दिक्कत हो रही है। कई महिलाएं तो महिला डॉक्टर के न होने पर पुरूष डॉक्टर को दिखाने में झिझकती हैं और बिना दिखाए वापस चली जाती हैं। जबकि प्रसव रिलेटेड मरीजों को स्टॉफ नर्सों के भरोसे रहना पड़ रहा है। इनमें गंभीर हालत वाले मरीजों को जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज दर्शन नगर रेफर कर दिया जा रहा है। सौ शैय्या बेड अस्पताल में रोजाना 500 से 700 की ओपीडी होती हैं। जिसमें से करीब 200 महिलाएं आती हैं। जो महिला डॉक्टर से अपना उपचार करना सही समझती हैं। लेकिन अस्पताल में भले ही तीन महिला डॉक्टरों की तैनाती की गई है पर मौके पर एक भी डॉक्टर अस्पताल में मौजूद नहीं मिलती। शासन स्तर से महिला डॉ. सोनम सिंह, आशा आर्य, शीला वर्मा की तैनाती हुई है। हफ्ते में एक-दो दिन कभी कभार कोई एक महिला डॉक्टर आ जाती है। इलाज कराने आए लोगों से जब पूछा गया कि डॉक्टर नहीं रहती तो उनके द्वारा यही बताया गया कि सुबह 8 बजे से 11 बजने वाला है। अभी तक कोई भी लेडी डॉक्टर नहीं आई है। महिला रोग विशेषज्ञ ओपीडी में खाली कुर्सी डॉक्टर के आने का इंतजार कर रही है। अस्पताल के सीएम डॉ. अनिल कुमार का कहना है कि जो महिला डॉक्टर अस्पताल में नहीं आ रही हैं, उन्हें एब्सेंट किया जा रहा है। जो महिला डॉक्टर काफी दिनों से नहीं आ रही हैं, उनका वेतन को रोकने की कार्रवाई की गई है। इसके साथ ही विभागीय लिखा-पढ़ी भी की जा रही है।