वह पथ और पथिक कुशलता क्या ,जिस पथ पर बिखरे शूल न हो,नाविक की धैर्य कुशलता क्या-यदि धाराएं प्रतिकूल न हों-सभी गुरूदेवों को नमन–डा.इन्द्रवीर सिंह जादौन
1 min readवह पथ और पथिक कुशलता क्या ,जिस पथ पर बिखरे शूल न हो,नाविक की धैर्य कुशलता क्या ,यदि धाराएं प्रतिकूल न हो , ” मेरे सभी गुरूवो को नमन,” एवम सारे शिष्यों को शिक्षक दिवस पर ढेर सारा आशीर्वाद ,आज के दिन यही कामना है की जीवन में नित नित नई ऊंचाइयों को प्राप्त करे ।माता पिता और अपने गुरु का नाम ऊंचा करे ।क्योंकि यही गुरु की सच्ची पूजी है ।जब उनके शिष्य उनके बताए आदर्शो पर चलकर नया मुकाम हासिल करते है HAPPY TEACHERS DAY TO ALL OF YOU
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समस्त भारतवासियों से अनुरोध🙏-वृक्ष नहीं होंगे तो बादलों को कौन आमंत्रित करेगा-वृक्ष है -तो जल है🌧️आक्सीजन बाबा-रामकृष्ण अवस्थी-शिक्षा मित्र 🇮🇳 ( बेटा माँ भारती का)🇮🇳-प्राथमिक विद्यालय खुरहण्ड-क्षेत्र-महुआ जनपद -बाँदा (उत्तर प्रदेश) के स्वतः 🌳वृक्षारोपण अभियान को सभी आगे बढाएं🌳- एक सदस्य 🌳-एक वृक्ष स्वतः लगाएं🌳 ।। स्वतः गुठली बैंक बनाकर पौंध तैयार करें, 🌱एक दूसरे को पौंधा दान देकर 🌱धरा को हराभरा बनाएं🌱।। घर-घर तुलसी 🌿.हर घर तुलसी🌿।।🌽सेहत का राज-मोटा अनाज🌽।।🧘♂️योग को दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बनाएं🧘♀️।।☔
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