अधिकारियों के शह पर बड़े पैमाने पर प्रतिबंधित नशीली दवाओं का फलफूल रहा अवैध कारोबार
1 min readगोंडा शहर के अधिकांश मेडिकल दुकानों में बिक रहा प्रतिबंधित कोडिन युक्त कफ सिरप
ड्रग इंस्पेक्टर नहीं करते हैं मेडिकल दुकानों की नियमित सघन जांच।
युवाओं समेत अन्य लोग भी हो रहे नशे की लत का शिकार।
स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही हो रही उजागर।
गोंडा जिले में जिम्मेदार अधिकारियों के शह पर बड़े पैमाने पर प्रतिबंधित नशीली दवाओं का फलफूल रहा अवैध कारोबार।
गोण्डा।
जिले में जिम्मेदार अधिकारियों के शह पर बड़े पैमाने पर प्रतिबंधित नशीली दवाओं का अवैध कारोबार फलफूल रहा है। गोंडा शहर के अधिकांश मेडिकल दुकानों में प्रतिबंधित कोडिन युक्त कफ सिरप खुलेआम बिक्री किया जा रहा है। यहाँ ड्रग द्वारा मेडिकल दुकानों की नियमित सघन जांच नहीं की जाती है जिससे युवाओं समेत अन्य लोग भी नशे की लत का शिकार हो रहे हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही उजागर हो रही है।
आपको बता दें कि ताजा मामला गोंडा शहर के चुंगी नाका स्थित ललित मौर्य मेडिकल स्टोर का है। जहाँ खुलेआम प्रतिबंधित कोडीन इंजेक्शन,टेबलेट बिक रहा है। लेकिन गोंडा के जिम्मेदार उच्चाधिकारियों द्वारा सब कुछ जानते हुए कोई कार्रवाई ना करके इन नशीली दवाओं,इंजेक्शन के कारोबारियों को संरक्षण दिया जा रहा है। ऐसे में गंभीर सवाल यह उठता है कि आखिर प्रशासन इसका कब संज्ञान लेगा और इस पर प्रतिबंध कब लगाया जायेगा।बेखौफ नशीली दवाओं के कारोबारी मेडिकल स्टोर संचालकों की मनमानी का आलम यह है कि जब ऐसी दुकानों पर मीडिया के लोग इस अवैध प्रतिबंधित दवाओं, इंजेक्शन के बिक्री करने के संबंध में जानकारी करने जाते हैं और उनसे पूंछते हैं कि आप इस तरह प्रतिबंधित कोडीन टेबलेट,इंजेक्शन क्यों बेच रहे हैं तो मेडिकल स्टोर वाले अपशब्द बोलते हैं और मीडिया कर्मियों से गाली गलौज पर भी आमादा होते हैं। मेडिकल स्टोर संचालक ललित मौर्य द्वारा खुलेआम कहा जाता है कि हमारे यहां से सभी अधिकारी पैसा लेते हैं तब हम इन प्रतिबंधित नशीली,दवाओं को खुलेआम बेचते हैं और हमारा कोई कुछ नहीं कर सकता है। बताते चलें कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक भी ने गोंडा दौरा किया है और जिले के अधिकारियों को सख्त निर्देश भी दिया गया है कि किसी भी मेडिकल स्टोर पर नशीली दवाएं नहीं बिकनी चाहिए,लेकिन उनके निर्देशों की सरेआम धज्जियाँ उड़ाते हुऐ मेडिकल स्टोरों पर प्रतिबंधित दवायें, इंजेक्शन खुलेआम बिक रही हैं। इससे स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही उजागर हो रही है।